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(II)
लेखक, लेखनसामग्री, आवास। विभिन्न प्रकीर्ण कविशिक्षाएँ।
शिक्षा सम्बन्धी विषयों के विस्तार का कारण तथा औचित्य।
चतुर्थ अध्याय
141 - 186
कवि समय
कविसमय का सम्बन्ध शब्दों से, अर्थों से अथवा दोनों से? राजशेखर द्वारा स्वीकृत परिभाषा का तात्पर्य, कविसमय के
वैशिष्ट य-परम्परित रूप, अशास्त्रीयत्व तथा अलौकिकत्व,
कविसमय में निहित सौन्दर्य भावना, कविसमय का महत्व, काव्यशास्त्र में कविसमय के विवेचन का इतिहास, विभिन्न
कविसमय, विभिन्न महाकाव्यों में कविसमय का प्रयोग।
पञ्चम अध्याय
187-242
काव्य में हरण-औचित्य तथा आवश्यकता
राजशेखर के हरणविवेचन का मूल एवं हरणविवेचक पश्चाद्वर्ती
आचार्य, हरण के औचित्य के सम्बन्ध में राजशेखर का अवन्तिसुन्दरी के मत से विरोध, शब्दहरण के प्रकार तथा उनकी उपादेयता, अर्थहरण विवेचन, काव्यनिर्माण में परप्रबन्धानुशीलन की अपेक्षा, आनन्दवर्धन का अर्थसाम्य- अर्थहरण विवेचन का आधार? अर्थहरण के भेद, अर्थहरण के विभिन्न अवान्तर भेदों का
परस्पर तुलनीय स्वरूप, हरणकर्ता कवियों के भेद, मौलिकता।
षष्ठ अध्याय
243-271
(क) 'काव्यमीमांसा में वर्णित कवि तथा भावक