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________________ पूर्वदेश के जनपदों की वर्तमान स्थिति : अङ्गः- भागलपुर से मुंगेर तक फैले हुए पूर्वी बिहार का प्राचीन नाम है। कलिङ्ग : तट पर फैला हुआ है। [284] किया है। स्थित है। कलिङ्ग उत्तर में उड़ीसा से दक्षिण में आन्ध्र या गोदावरी के मुहाने तक समुद्र कोसल :- यह अवध राज्य का दक्षिणी भाग है। इसकी राजधानी कुशावती है। तोसल :- यह कोशल का दक्षिणी भाग है। यह उड़ीसा में भुवनेश्वर के पास पुरी जिला के अन्तर्गत 'धौली' क्षेत्र है । उत्कल :- • वर्तमान उड़ीसा प्रदेश आधुनिक पुरी और भुवनेश्वर का क्षेत्र है। मगध :- यह दक्षिणी बिहार है। गया भी इसी जनपद का अङ्ग है। विदेह : बिहार प्रान्त का तिरहुत जनपद यह मगध के उत्तर में है। नेपाल : आचार्य राजशेखर ने नेपाल देश तथा नेपाल पर्वत को पूर्वी भारत में सम्मिलित पुण्ड्र :- यह पुण्ड्रवर्धन नाम से प्रसिद्ध है। वर्तमान बोगरा जिले का महास्थानगढ़ नामक ग्राम पुण्ड्र जनपद में था। प्राग्ज्योतिष :- आसाम प्रान्त की राजधानी कामरूप या कामाक्षा अर्थात् आधुनिक गौहाटी है। ताम्रलिप्तक :- इस स्थान पर दक्षिणी पश्चिमी बंगाल के मिदनापुर जिले का तामलुक नगर मलद :- • शाहाबाद जिले का एक भाग जो बिहार प्रान्त में है । मल्लवर्तक :- बिहार के हजारीबाग और मानभूमि जिलों का भू-भाग है तथा पार्श्वनाथ हिल के नाम से प्रसिद्ध है।
SR No.010645
Book TitleAcharya Rajshekhar krut Kavyamimansa ka Aalochanatmaka Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKiran Srivastav
PublisherIlahabad University
Publication Year1998
Total Pages339
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size28 MB
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