________________
[8]
महेन्द्रपाल के समय के अभिलेखों की तिथियाँ उसके राज्याभिषेक के दूसरे वर्ष से उन्नीसवें
वर्ष तक की हैं।
___ महेन्द्रपाल का प्रशस्तिपरक सबसे पहला काठियावाड़ का ऊणा अभिलेख 574 वलभि सं० = 893 ई० का है।। अतः उसने 882 और 893 ई० के बीच कभी गद्दी धारण की होगी। परमभट्टारक महाराजाधिराज परमेश्वर श्री महेन्द्रपालदेव के समय का ऊणा का द्वितीय अभिलेख 956 वि० सं० - 899 ई० का है।
महेन्द्रपाल की राजधानी कान्यकुब्ज नगरी थी। आचार्य राजशेखर ने 'बालभारत' की रचना 'महोदय' में की थी। 'महोदय' कान्यकुब्ज का ही दूसरा नाम था तथा महेन्द्रपाल तथा उसका पुत्र महीपाल सियादोनी शिलालेख में कान्यकुब्ज से ही सम्बद्ध हैं। महेन्द्रपाल का प्रशस्तिपरक सियादोनी
शिलालेख झाँसी जिले के सियादोनी ग्राम में है जिस पर 903-907 ई० अंकित है ३ सियादोनी
अभिलेख में विभिन्न राजाओं की तिथियों का उल्लेख है।
(1) भोज - A.D. 862, 876 and 882. (2) महेन्द्रपाल - 903-907
राजशेखर के शिष्य
(3) उनके पुत्र क्षितिपाल अथवा महीपाल अथवा हेरम्बपाल A.D. 917.
1 एपिग्राफिका इण्डिका,
जिल्द 9, पृष्ठ-6 (पादटिप्पणी) 2 एपिग्राफिका इण्डिका,
जिल्द-9, पृष्ठ-4 3. (क) एपिग्राफिका इण्डिका, जिल्द-1,
Page - 173 (ख) "As pointed out by Pishel and Fleet, the 'Balbharata' was performed in 'Mahodaya' and 'Mahodaya'is another name of 'Kanyakubja' (Balramayan x87-89 = p. 306, 6,15), with which town Mahendrapala and Mahipala are connected in the Siyadoni inscription. For Mahendrapala, we have the dates 903-4 and 907-8. 'Rajshekhar's Karpurmanjari' में Rajshekhar's life.
Page - 177 (S. Konow तथा C.R. Lanman)