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श्रीनागसेनसूरि-दीक्षित-रामसेनाचार्य-प्रणी
सिद्धि-सुख-सम्पदुपायभूत
तत्त्वानुशासन
नामक
ध्यान शास्त्र सानुवाद-व्याख्यारूप भाष्यसे अलंकृत
सम्पादक और भाष्यकार जुगलकिशोर मुख्तार 'युगवीर'
संस्थापक 'वीरसेवामन्दिर [जैन साहित्य और इतिहासपर विशद प्रकाश, जैनाचार्योका शासन-भेद, ग्रन्थपरीक्षा,युगवीर-निबन्धावली मादिके लेखक; स्वयम्भूस्तोत्र, युक्त्यनुशासन, समीचीनधर्मशास्त्र, अध्यात्मरहस्यादिके विशिष्ट अनुवादक, टीकाकार एव भाष्यकार; अनेकान्तादि पत्रो और समाधितन्त्रादि ग्रन्थोके सम्पादक
भारतीय शृति-दाग हे वीरसेवामन्दिर-ट्रस्ट प्रकाशन
जप