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चीनी विनय-पिटक के प्रायः सभी संस्करणों में शिक्षापदों की यह संख्या २५० है । 'शिबुन्-रित्सु' के अनुसार यह गणना इस प्रकार है१. पाराजिका २. संघावशेष (संघादिसेसा) ३. अनियत ४. निःसर्गिक पातयन्तिक (निस्सग्गिया पाचित्तिया) ५. पातयन्तिक (पाचित्तिय) ६. प्रतिदेशनीय (पटिदेसनिया) ७. शैध्य (सेखिया) ८. अधिकरण-शमथ
२५० विनय-पिटक के चीनी-संस्करणों के अलावा एक तिब्बती संस्करण भी मिलता है । यह मूल सर्वास्तिवादियों के प्रातिमोक्ष का तिब्बती अनुवाद है । इसके अनुसार शिक्षापदों की संख्या इस प्रकार है-- १. पाराजिका २ संघावशेष ३. अनियत ४. निःसर्गिक पातयन्तिक ५. पातयन्तिक ६. प्रतिदेशनीय . शैक्ष्य ८. अधिकरण-शमथ
१. बुद्धिस्टिक स्टडीज़ (डा० लाहा द्वारा सम्पादित), पृष्ठ ३६९ (नगई का
विनय-पिटक सम्बन्धी लेख) २. इसके अलावा महापंडित राहुल सांकृत्यायन तिब्बत से विनय-सूत्र, विनय-सूत्रटीका, प्रातिमोक्ष-सूत्र, प्रातिमोक्षसूत्र-टीका, भिक्षु-प्रकीर्णक तथा उपसम्पदा