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________________ ( २८९ ) और डाकुओं के भय आदि के सम्बन्ध में खुरप्प जातक (२६५) और तत्कालीन शिल्पकला आदि के विषय में महाउम्मग्ग जातक (५४६) आदि में प्रभूत सामग्री भरी पड़ी है, जिसका यहाँ वर्गीकरण करना अत्यन्त कठिन है। सचमच त्रिपिटक में यदि ऐतिहासिक , भौगोलिक, आर्थिक, सामाजिक आदि सूचनाओं के लिए यदि किसी अन्य का महत्व मब मे अधिक है नो 'जातक' का। गयस डेविड्म ने 'बुद्धिस्ट इन्डिया' में बुद्धकालीन भारत का चित्र उपस्थित किया है। उसमें उन्होंने एक अध्याय (ग्यारहवाँ अध्याय) 'जातक' के विवेचन के लिए दिया है । बुद्धकालीन गजवंशों, विभिन्न जातियों, जन-तन्त्रों, भौगोलिक स्थानों, ग्रामों, नगरों, नदियों, पर्वतों, मनुष्यों के पेशों आदि के सम्बन्ध में जातकों ने जो महत्त्वपूर्ण उद्धरण वहाँ दिये गये हैं, यदि उनका संक्षिप्ततम विवरण भी दिया जाय तो प्रस्तुत परिच्छेदांश जातक का विवेचन न होकर बुद्धकालीन भारत का ही विवरण हो जायगा। फिर यही अन्न नहीं है। बुद्धकालीन भारत के अनेक पओं को लेकर विद्वानों ने अलग-अलग महाग्रन्थ लिखे है और उनमें प्रायः जातक का ही आश्रय अधिकतर लिया गया है। रायस डेविड्स के उपर्यवन ग्रन्थ के अलावा डा. विमलाचरण लाहा का वुद्धकालीन भुगोल सम्बन्धी महत्वपूर्ण ग्रन्थ है।' डा० फिक का बुद्धकालीन सामाजिक अवस्था पर प्रसिद्ध ग्रन्थ है ।२ डा० राधाकुमुद मुकर्जी ने 'इंडियन शिपिंग' में भारतीय व्यापार का विस्तृत विवेचन किया है और एक अन्य प्रसिद्ध ग्रन्थ में वैदिक और बौद्धयुगीन शिक्षा पद्धति का भी। इसी प्रकार आर्थिक और व्यावसायिक परिस्थितियों पर भी महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ और प्रबन्ध है।४ बीसों की संख्या इसी प्रकार गिनाई जा सकती १. Geography of Early Buddhism, केगन पॉल, लन्दन १९३२; देखिये उनका India as Described in Early Texts of Jainism and Buddhism भो। २. मूल ग्रन्थ जर्मन में है। अंग्रेजी में "The Social Organization in North-East India in Buddha's Time" शीर्षक से डा० मैत्र ने अनुवाद किया है। कलकत्ता, १९२० ३. Ancient Indian Education, Brahmanical and Buddhist, Macmillan. ४. उदाहरणार्थ श्रीमती रायस डेविड्स : Notes on Early Economic Conditions in Northern India, जर्नल ऑव रॉयल एशियाटिक १९
SR No.010624
Book TitlePali Sahitya ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBharatsinh Upadhyaya
PublisherHindi Sahitya Sammelan Prayag
Publication Year2008
Total Pages760
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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