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________________ ( २०७ ) ३ बुद्धवंस, चरियापिटक, निद्देस, अपदान, पटिसम्भिदामग्ग, विमानवत्थु, पेतवत्थु, खुद्दक-पाठ। प्रत्येक श्रेणी के ग्रन्थों में भी कौन किस से पहले या पीछे का है, इसका सम्यक् निर्णय नहीं किया जा सकता। इसके लिये उतने स्पष्ट बाह्य और आन्तरिक साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। निश्चित तिथियों के अभाव में इस प्रकार के निर्णय का कोई अधिक महत्व भी नहीं हो सकता। अब हम खुद्दक-निकाय के ग्रन्थों का संक्षिप्त विवरण देंगे। खुदक-पाठ खद्दक-पाठ छोटे छोटे नौ पाठों या सुत्तों का संग्रह है। ये सभी पाठ विशेपतः सुत्त-पिटक और विनय-पिटक से संगृहीत है। पहले चार पाठ पिछले पाँच की अपेक्षा अधिक संक्षिप्त है। इनका संकलन प्रारम्भिक विद्यार्थियों की शिक्षा के लिये अथवा बौद्ध गृहस्थों के दैनिक पाठ के लिये किया गया है। अतः सिंहल में खुद्दक-पाठ का बड़ा आदर है। खुद्दक-पाठ के नौ पाठों या सत्तों के नाम और विषय इस प्रकार है-- १. सरणत्तयं (तीन शरण)--मै बुद्ध की, धम्म की, संघ की, शरण जाता हूँ। दूसरी बार भी--तीसरी बार भी-~-मै बुद्ध की, धम्म की, संघ की, शरण जाता हूँ। २. दस सिक्खापदं--(दस शिक्षापद या सदाचार-सम्बन्धी नियम) (१) जीवहिंसा (२) चोरी (३) व्यभिचार (४) असत्य-भाषण (५) मद्य-पान (६) असमय-भोजन (७) नृत्य-गीत (८) माला-गन्ध-विलेपन (९) ऊँची और बड़ी शय्या (१०) सोने और चाँदी का ग्रहण, इन दस बातों से विरत रहने का व्रत लेता है। १. राहुल सांकृत्यायन, आनन्द कौसल्यायन एवं जगदीश काश्यप द्वारा सम्पादित तथा भिक्षु उत्तम द्वारा प्रकाशित (बुद्धाब्द २४८१, १९३७ ई०) नागरी संस्करण उपलब्ध है । भिक्षु धर्मरत्न एम० ए० का मूल-पालि-सहित हिन्दी अनुवाद महाबोधि सभा, सारनाथ (१९४५) ने प्रकाशित किया है ।
SR No.010624
Book TitlePali Sahitya ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBharatsinh Upadhyaya
PublisherHindi Sahitya Sammelan Prayag
Publication Year2008
Total Pages760
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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