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________________ है “महामंगीति के भिक्षुओं ने बुद्ध-शासन को बिलकुल विपरीत कर डाला । मल संघ में भेद उत्पन्न कर उन्होंने एक नया संघ खड़ा कर दिया। मौलिक 'धम्म' को नष्ट कर उन्होंने एक नया ही सुत्तों का संग्रह किया"१ आदि । इन महासंगीतिकारों ने जो कुछ भी संग्रह किया हो या उनका जो कुछ भी अंग अवशेष रहा हो, हम यह निर्विवाद रूप से कह सकते हैं कि बद्ध-वचनों के पालि-संस्करण के सामने उसकी कोई प्रमाणवत्ता नहीं है । वैशाली की सभा में विनय-सम्बन्धी दस बातों के विषय में निर्णय हो जाने के बाद ७००भिक्षुओं ने महास्थविर रेवतके सभापतित्व में, प्रथम संगीति के समान ही, 'धम्म' का संगायन और संकलन किया। 'अकर धम्ममंगहं' । आचार्य बुद्धघोष के वर्णनानुसार बुद्ध-वचनों का तीन पिटकों, पाँच निकायों, नौ अंगों और ८४००० धर्मस्कन्धों में वर्गीकरण इसी समय किया गया। इस संगीति की ऐतिहासिकता विद्वानों को पहली की अपेक्षा अधिक मान्य है। इस संगीत का वर्णन भी प्रायः उन सब ग्रन्थों में मिलता है जिनमें प्रथम संगीति का । इनका उल्लेख पहले किया जा चुका है। वैशाली की संगीति के बाद एक तीसरी संगीति सम्राट अशोक के समय में वद्ध-परिनिर्वाण के २३६ वर्ष वाद पाटलिपुत्र में हुई। इस मंगीति का वर्णन दीपवंस, महावंम और समन्तपासादिका (विनय-पिटक की बुद्धघोष-रचित अट्ठकथा) में मिलता है । विनय-पिटक के चुल्लवग्ग में इस संगीति का निर्देश नहीं किया गया है। तिब्बत और चीन के महायानी बौद्ध साहित्य में भी इम मंगीति का निर्देश नहीं मिलता और न यूआन्-चुआङ, ने ही इसके विषय में कुछ लिखा है। अशोक के किसी शिलालेख में भी इस संगीति का स्पष्टतः कोई उल्लेख नहीं १. महासङ्गीतिका भिक्खू विलोमं अकंसु सासनं । भिन्दित्वा मूलसंघ अ अकंसु संघ ॥ अाथा सङ्गहितं सुत्तं अञथा अरिसु ते । अत्थं धम्मं च भिन्दिंसु ये निकायेसु पंचसु ॥ यहीं आगे कहा गया है कि महासंगीति के इन भिक्षुओं ने परिवार, अभिधम्म, पटिसम्भिदा, निद्देस और जातकों के कुछ अंशों को स्वीकार नहीं किया--परिवार अत्थुद्धारं अभिधम्मप्पकरणं, पटिसम्भिदां च निद्देसं एकदेसं च जातकं, एत्तकं निस्सज्जेत्वान अ अरिसु ते। ५।३२-३८ (ओल्डनबर्ग का संस्करण)
SR No.010624
Book TitlePali Sahitya ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBharatsinh Upadhyaya
PublisherHindi Sahitya Sammelan Prayag
Publication Year2008
Total Pages760
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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