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. . भुवनेश्वरीपञ्चाङ्गम् . भव्यशीला भव्यलीला भन्यादी भव्यनाशिनी । भव्याङ्गिका भव्यवाणी भव्यकान्तिभंगालिनी ॥ ११ ॥ भव्यत्रपा भव्यनदी भव्यभोगविहारिणी । भव्यस्तनी भव्यमुखी भव्यगोष्ठी भयापहा ॥ १२॥ भक्तेश्वरी भक्तिकरी भक्तानुग्रहकारिणी। भक्तिदा भक्तिजननी भक्तानन्दविवर्द्धिनी ॥ १३ ॥ भक्तिप्रिया भक्तिरता भक्तिभावविहारिणी । भक्तिशीला भक्तिलीला भक्तशा भक्तिपालिनी ॥ १४ ॥ भक्तिविद्या भक्तविद्या भक्तिभक्तिविनोदिनी । भक्तिरीतिभक्तिप्रीतिभक्तिसाधनसाधिनी ॥ १५ ॥ भक्तिसाध्या भक्तसाध्या भक्तिराली भवेश्वरी । भटविद्या भटानन्दा भटस्था भटरूपिणी ॥ १६ ॥ भटमान्या भटस्थान्या भटस्थाननिवासिनी । भटिनी भटरूपेशी भटरूपविवर्द्धिनी ॥ १७॥ भटवेशी भटेशी च भटभाग्भवसुन्दरी । भटप्रीत्या भटरीत्या भटानुग्रहकारिणी ।। १८ ॥ भटाराध्या भटवोध्या भटबोधविनोदिनी । भटैः सेव्या भटवरा भटार्ष्या भटबोधिनी ॥ १६ ॥ भटकीर्त्या भटकला भटपा. भटपालिनी । भटैश्वर्या भटाधीशा भटेक्षा भटतोषिणी ।। २० ॥ भटेशी भटजननी भटभाग्यविवर्द्विनी ।' भटभुक्ति टयुक्तिर्भटप्रीतिविवर्द्धिनी ॥ २१ ॥ भाग्येशी भाग्यजननी भाग्यस्था भाग्यरूपिणी । भावना भावकुशला भावदा भाववर्द्धिनी ॥ २२ ॥ भावरूपा भावरसा भवान्तरविहारिणी । भवाङ्करा भवकला भावस्थाननिवासिनी ।। २३ ॥ भावान्तरा भावधृता भावमध्यव्यवस्थिता। भावऋद्धिर्भावसिद्धिर्भावादिर्भावभाविनी ।। २४ ॥