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________________ मुहता नैणसीरो ख्यात [ ८५ सातै कोसै बैठो छ, अर थे घरे जावो ?'1 ताहरां गागो वोलियो'साहणीजी ! वांणियो गेहर रमै छै, | कठा यावै ?' ताहरां साहणी कह्यो-'च्यार ४ हजार प्रादमियांन थे सवारै प्राविनै दाग देस्यो । ताहरां गांगो हँसनै चढियो, घरे गयो। ताहरां हेरा दोडिया, रायमलनू जाय कह्यो-'गांगो घरे गयो।' ताहरा रायमल चढियो । प्रायन चार ४ हजार माणस तरवार माहै काढिया । घोडा ले गयो। जायनै वीरमदेजीनें कह्यो-' आपरै वाप-दादैरा घोडा लायो छू । वाणिय इसौ ज्यांन कियो, सो वरस दो २ ताई तो राव गांगोजी सभ ही नही सकियो। ____ एथ हरदास ऊहड़ राव गागैजीरै सौ छाडि नै आयो।' ताहरां हरदास कहै-'राव गांगाजीसू लडाई करो तो हूं थांहरै वास रहू ।' ताहरा इया कह्यो-'लड़ाई करस्यां ।' ताहरां हरदास रह्यो। ताहरां लड़ाई मांडी। ताहरां वीरमदेरी असवारीरो घोड़ो हरदासन दियो। ताहरां लडाई हुई। हरदास घावै पड़ियो । घोड़ेरै पण घाव लागा। ताहरां हरदासनू डोहळी घाति सोझत ले आया। घाव वंधाया।11 ___ताहरा वीरमदे बोलियो-'जाहरे, हरदास ! ते म्हारो घोड़ो गमायो ।' ताहरां कह्यो-'जी, हरदास ऊभा घोड़ो गयो हुवै तो ओळभो द्यो ।12 ताहरां हरदास उण वगत ३ वीरमदेजीरो वास छाडियो ।14 नागोरनू हालियो, सरखेलखां वास रहणनू ।। I रायमल सात कोस पर बैठा हुआ है और तुम घरको जा रहे हो? 2 वनिया गेहर रम रहा है, ये कहाँ पाने के ? 3 चार हजार आदमियोका कल प्राकरके दाहसस्कार करोगे। 4 आकरके चार हजार आदमियोको सलवारके घाट उतार दिया। 5 ये आपके वाप-दादेके घोडे ले आया हूँ। 6 बनियेने इतनी जबरदस्त बरवादीकी कि फिर दो वर्ष तक राव गागोजी सम्हल नही सका। 7 इधर हरदास ऊहड राव गागाजीके यहांसे छोड कर इनके पास आ गया। 8 लड़ाई शुरू की। 9 हरदास घायल हुआ। 10 तव हरदासको डोहलीमे डाल कर सोजत ले आये। (डोहळी, डोळी घायलोको उठा कर ले जानेकी एक टिकची।) II घावो पर पट्टे बंधवाये। 12 हरदासके आहत हुए विना घोडा गया हो तो मुझे उपालभ दो। 13 उस समय। 14 छोड दिया । 15 नागौरमे सरखेलखाके पास रहनेको चल दिया।
SR No.010611
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1964
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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