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मुंहता नैणसीरी ख्यात बुलायौ; अर कह्यो-'तयारी करो। आपा सीरोही राव ऊपर जास्यां । बाईरो कागद आयौ छ ।' ताहरा सात असवार थोरी, एक पाबूजीरै चढण काळवी घोड़ी।
सु काछेला चारण समुद्र खेप भरण गया हुता, सु ईया एक घोडी लीवी। लेन समुद्ररै काठ' आय उतरिया । ताहरां तेजल घोड़ो नीसरनै घोडीनू लागो । तरी काळवी वछेरी नीपनी । सु आ घोड़ी जीदराव काछेलां कना मागी, तद चारणां न दीवी। अर बूडेजी मागी तद पण न दीवी । ताहरा पाबूजी मांगी। ताहरां चारणा पाबूजीन घोडी दोवी । तद कही 'राज | घोडी था दीवी छै, जो म्हारै काम पड़े तद म्हारी वाहर करज्यो ।" ताहरां पाबूजी कही'थाहरै काम पडिये जूती पैहरा नही। प्रो बोल कर घोड़ी लीवी छी । तद जीदराव खीची नै बूडंजी रीस कीवी चारणास् ।
पछै पाबूजी असवार हुवै नै बूडैजीरै आया।' बूडैजी सौं मुजरो कियो। पछै पावूजी भोतर भाभीजीनू मुजरो कहियो । ताहरां छोकरी भीतर जायनै डोड-गेहलीनू कह्यो-'बाईजी! थांनू पाबूजी जुहार कहायो छै ।' ताहरा छोकरीनू डोड-गेहली कह्यो जु-'तू देवरनं जायनै कहि, वाईजी भीतर बोलावै छ ।' ताहरा छोकरी जाय अर कह्यो। तद पाबूजी भीतर गया। तद डोड-गेहली कह्यो-'पाबूजी! थान चारण पासे घोड़ी न लेणी हतो । घोडी थारै भाई मांगी हती, तेसू था न लेणो । ताहरां पाबूजी कही 'जो भाईजीरै घोड़ी लेणी छ तो या हाजर छ ।' ताहरा भोजाई कही, हमै काहिणनू लै ?17
। काले-चारणोका कारवां ममुद्र (के किनारे किसी बदर) पर माल भरनेके लिये गया हया था। 2 किनारे पर। 3 तव तेजल घोडा उस घोडीसे लग गया। 4 जिससे यह कारवी बछेरी उत्पन्न हुई। 5 से, पाम। 6 तुमको। 7 यदि हमारे काम पड जाय (कोई नस्ट उत्पन्न हो जाय) तो हमारी सहायताके लिये चढ कर पाना। 8 तुमारे पाम परने पर पांवोमे जूती नही पहनगा। 9 पीछे पाबूजी उस घोडी पर सवार होकर दडे जीके पाम प्रायें। 10 से. दो। I दासी। 12 डोड-गेहली, डेजीकी स्त्रीका मला 13 त्व दामीने जाकर कहा। 14 पावूजी ! चारणके पासमे तुम्हे यह घोडी नहीं देनी चाहिये था। 15 म घोडीको तुमारे भाईने मागा था, इसलिये तुमको इमे नही सनी नाहिये पी। 16 यह। 17 अब कितलिये लें?