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________________ मुहता नैणसीरी ख्यात छ ?'1 तद पाबूजी बोलिया-'पाबूजी तो आघा' सिकार खेलणनू पधारिया छ । ताहरां थोरिया आ समस्या कोवी जु-'यो छोकरो उभो छ,' आप पा सांढ. ले जावां, तो आपां आजरी वळ करां ।" इतरी' थोरिया विचारो । ताहरा पाबूजी तो कारणीक मरद ।' तद पाबूजी ईंयारै जीवरी लखी। ताहरा पाबूजी बोलिया । कही-'रे थोरिया ! थे या सांढ ले जावो, आज री वळ करो। पाबूजी आवसी11 ताहरा हूं कहि लेइस ।'12 ताहरा थोरी साढ लेन डेरै आया । उठै ईहा13 सांढ मारनै डेरै वळ कोवी। ____अर पाबूजी हिरण लेने पाछलै पोहर डेरै आया। ताहरां पाछले पोहररा थोरी पण पाबूजोरै मुजरै पाया । आगै पाबूजी बैठा छ । तठे थोरियां विचारियो। कही, रे ! ओ तो ऊही, जे प्रांपांनू साढ दीवी हती।" तद थोरियां धायनू पूछियो-जी ! पाबूजी कठै ?' ताहरां धाय कह्यो-'रे वोरा ! ओ बैठौ, तू अोळखै नही ?' तद ईयां पाबूजीसू सलामी कीवी । तद पाबूजी चादैनू कही-'रे चादा ! म्है म्हारी सांढ थांने झलाई हती सु कठे ?19 ताहरां चादै कही-'राज ! थां म्हांनै वळ माहै दीवी हुती, स म्हां खाधी छै ।20 ताहरां पाबूजी कही-'का रे ! आ काई हुई छ जु साढ खाधी ? वळनू सीधो दरावस्यां । पण साढ किसी तरै खावो ?'21 ताहरां पाबूजी कही'साढ थां खाधी नहीं । 22 ताहरां थोरिया कह्यो-'साढ तो म्हां खाधी, हमै कठा लावां ?23 I इतनेमे थोरियोने जाकर पूछा कि रे छोकरे । पाबूजी कहा है ? 2 दूर। 3 गये हुए है। 4 परामर्श, सलाह। 5 खडा है। 6 अपन। 7 आजके भोजनकी तैयारी करें। 8 इतनी। 9 सिद्ध पुरुष। 10 पावूजीने इनके मनकी बात जानी। II आयेंगे। 12 कह दूंगा। 13 इन्होने। 14 यह। 15 वही। 16 जिसने अपनेको ऊटिनी दी थी। 17 अरे भाई । यह बैठा है, तू पहचानता नही? 18 तव इन्होने पावूजीको प्रणाम किया। 19 अरे चादा । मैने मेरी ऊटिनी तुमको सुपुर्द की थी वह कहा ? 20 आपने हमको वलिके लिये दी थी, सो हमतो उसे खा गये है। 21 क्यो रे ! यह कभी हुआ है जो ऊटिनीको ही खा गये ? भोजनके लिये सीधा दिलवायेंगे, लेकिन साढ किस तरह खा जाओ ? 22 ऊँटिनी को तुमने खाया नही। 23 अब कहासे लायें ?
SR No.010611
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1964
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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