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________________ २६० मुंहता नैणसीरी ख्यात मेळे कह्यो-'यू ही नहीं ल्यू। जो थे मोल ल्यो तो ल्यू 1 ताहरां एवाळां कह्यो-'दीजै राज !' ताहरां मेले सेपट नव फदिया पड़दी मांहैसू काढिनै दिया। ताहरां उवां कह्यो-'बाकरो लीजै राज !' ताहरां वडो जूह बाकरो जोयनै लियो। लेयनै मारियो। ताहरां हाड काढि-काढि जुदा किया । सुणियो हुतो सिखरैरै कूतरा दोय छै सु चोर ढकण नही पावतो। तै वासतै हाडांसू लेयनै कूरबांण भरियो ।' ऊपर कसो बाधो।' पछ बाजरी घातनै बाजरियो कियो।' ताहरां खीलोहरियां कह्यो-'राज ! जीमण तयार छै। आप हालो। जोमण विराजो।' ताहरा आपही जीमिया, खीलहरी पण जीमिया । __पछै ऊठ हथियार बांध, घोड़ेरा तंग खांच, खीलहरियांसू विदा कीवी !10 मेळे कह्यो-'मांहरै तो वीकपुर जावणो छ ।11 ताहरा खीलहरियां कह्यो-'राज ! बोहुड़ता आवो तो ईयै तळाव आवजो । पछै मेळे उठासू खड़िया सु गांम आय लागो । ताहरां कुत्ता सांम्हां दोडिया । ताहरां कुत्तांनू हाड नांखिया । कुत्ता तो हा. विलूबिया । आप आघो' गांम माहै चालियो। भाथै अफीमरो पोतो हुतो सु खिर पड़ियो । पछै कूतरांन मारनै गांम माहै 1 यदि तुम मूल्य लो तो लू, योही (मुफ्तमे) नही लू । 2 तब मेले सेपटेने पर्दीमेसे नौ फदिये निकाल करके दिये। (फदिया = रुपयेके आठवें भागका (दुअन्नी वरावर) एक छोटा सिक्का 1) 3 तव एक बहुत पुष्ट वकरा देख कर लिया। 4 तब हड्डियोको निकाल निकाल कर अलग किया। 5 सुन रखा था कि सिखरेके दो कुत्ते ऐसे हैं जिनके कारण कोई चोर लग नही सकता। 6 इसलिए हड्डियोको लेकर कूरबान भर दिया । (कूरवाण - एक पात्र 1) 7 ऊपर (वस्त्रसे ढक कर) कसना बांध दिया। 8 फिर (मासमे) वाजरी डाल करके बाजरिया बनाया। 9 तव गडरियोने कहा कि राजन् ! भोजन तैयार है । आईये ! जीमनेको वैठिये । तब खुद ही जीमे और गडरिये भी जीमे । 10 पीछे उठ कर शस्त्र वाघे, घोडेके तग खींचे और गडरियोसे विदा ली। I हमारे तो वीकूपुर जाना है। 12 तब खिलहरियोंने कहा-राजन् ! लौटते पायो तव इस तालाब पर फिर आईये। 13 फिर मेला वहाँसे रवाना हुआ सो गांवके पास आ गया। 14 तब कुत्ते सामने दौडे तो उनको हड्डियें डाल दी। 15 कुत्ते तो हड्डियोको चाटने लग गये। 16 आगे। 17 भाथेमे अफीमका पोतो था सो गिर गया।
SR No.010611
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1964
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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