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________________ विगत संमत ८०६ वैसाख सुदि १३ दिली वसी । संमत १५९८ पातसाह अकबर रो जनम* । समत १६१३ फागुण सुदि १२ टीक बैठो। समत १६६६ फोत हुवी। समत १६६२ पातसाह जहागीर टीकै बैठो। वर्ष २२ राज कियो । पातसाह जहांगीररी ऊमर वरस ६३ री हुई। संमत १६८४ पातसाह साहजाह टीकै बेठो । वरस ३१ पात साही कीवी। समत १७१५ औरंगजेब टीकै बैठो । बरस ४८ पातसाही कीवी। संमत १७६३ फोत हुवौ । एक विगतकी प्रतिमे-'स० ८२६ दिली खूटी गाडी। दिली वसाई अनगपाळ ।' एक दूसरी प्रतिमे भी 'समत ८२६ वैसाख सुद १३ सुकरवार नखत उतरा फालगणी तुवर अरणगपाल राज दिली मडी' लिखा है । *वर्ष प्रारभके मासान्तरोके कारण विगतोमे प्रायः अकबरका जन्म समत १५९६ लिखा मिलता है। एक विगतमे 'स० १५९६ काती सुद है' का जन्म होना लिखा है । एक दूसरी प्रतिमे 'स० १५६६ काती सुदी ६ शनिवार घटी २/७ पूर्वाषाढा नक्षत्रे २६/० दिन गत समस्त राति गत घटी २१/६ सुनि ६४६ मास रजब तुल सक्राति दिनगत १४/० भोग्य दिन १६ गमोतडी । अकवर पातिसाह जलालदीन मोहमद गाजीरी (जन्मकुडली) VAGR/
SR No.010611
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1964
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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