SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 226
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ राठोड़ारी तेहरै साखामारी विगत राजा धुधमाररै १३ पुत्र हुआ। तिणांसू जुदी - जुदी तेहरै साखाया हुई १ वडो पुत्र अभैराज, तिण अभैपुर वसायो, तिणसू अभेपुरा कहाणा ।" २ बीजो जयवत हुओ। तिणसू जयवत कहांणा । ३. तीजो बागुळ हुओ । बुगळाण देस वसायो, तिणसू बुगळांणा कहाणा । ४. चोथो अहिराव, तिण आहोरगढ वसायो, तिणसू अहिराव कहाणा । ५ पाचमो, करहो* हुओ। जिण करहेड़ोगढ करायो, तिणसू करहा कहाणा ।' ६ छठो जसचद हुो। तिण जळखेडपाटण वसायो, तिणसू जळखेडिया कहाणा ।' ७. सातमो कमधज हुो । तेरह साखारो राव कहाणो । ८ अाठमो चदेल हुो। तिण चदेरी वसाई, तिणसू चंदेल कहाणा । I गजा धुधमारके १३ पुत्र हुए जिनके नामोसे अलग-अलग तेरह शाखाएँ चली । 2 बडा पुत्र अभयराज हुआ जिसने अपने नामसे अभयपुर बसाया और उसके वशज अभयपुग कहलाये। 3 दूसरा जयवत हुआ जिसके वशज जयक्त कहलाये । 4 तीसरा बागुल हुया जिसने वुगलाना देश बसाया और उसके वशज बुगलाना लाये। 5 चौया पुत्र प्रहिराव हुमा जिमने ग्राहोरगढ व पाया । उसके वशज अहिराव कहलाये । 6 पानवा पुत्र रहा हुया जिमने करहेदोगढ बनवाया। उसके वंशज करहा कहलाये । 7ठा पुत्र जमचट हुआ जिमने जलखेडपाटन (जसखेडपाटण) बसाया। उसके वगज लिया (जसमेहिया) कहलाये । 8 मानवां पुत्र मघन हुना। यह तेरह दावापोका राव कहलाया। ___) माठ पुत्र चंदेल हुप्रा जिमने च देरी बसाई और उमसे चदेल प्रसिद्ध हुए। *टार-रतो!
SR No.010611
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1964
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy