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मुहता नैणसीरी ख्यात
समत १३५३ अलावदीन पातसाह गुजरात लोधी करण गैहलड़ा पासा । नागर बाभण माधव ग्रागं हुय दिराई 12
समत १३५५ राणा रतनसेन ऊपरा पातसाह श्रलावदीन ग्रायो । भड लखमणसी बेटां १२सू कांम आयो । गढ राखियो । राणानू छडायो ।
संमत १३५८ गढ रिणथंभोर तूटो । राव हमीरदे चहुवांण कांम आयो । पातसाह अलावदीन आप आयो ।
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समत १३६८ जाळोर तूटो । पातसाह अलावदीन आयो । चहुवांण कांन्हडदे वीरमदे सोनगरा काम आया । *
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संमत १३६४ गढ सिवांणो तूटो । पातसाह अलावदीन आयो । चहुवांण सातल सोम काम आया । "
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समत १३६५ अजमेर लियो । पातसाह ग्रलावदीन आप आयो । संमत १३६५ मडोहर लियो । पातसाह अलादीन प्रायो । संमत १३. रावळ दूदै तिलोकसीह जुंहर कियो । पातसाह पीरोजसाहरी फोजां नाई । जेसळमेर पालटियो ।
I सम्वत् १३५३में अलाउद्दीन बादशाहने कर्ण गहलडेसे गुजरात ली । नागर ब्राह्मण माधवने आगे होकर अधिकार करवाया | 2 सम्वत् १३५५में राणा रत्नसेन पर बादशाह अलाउद्दीन चढ कर श्राया । भड लखमरणसी अपने १२ पुत्रो सहित काम आया । गढको रख लिया और राणाको छुडाया । 3 बादशाह अलाउद्दीन स्वय चढ कर रणभोर पर प्राया । राव हमीरदे चौहान काम श्राया । सम्वत् १३५८ में ररणथभोरका गढ टूटा | (नैरगसीरी ख्यात भाग पृ २२०मे 'सवत् १३५२ श्रावण वदि ५ हमीरदेजी काम आया' लिखा है | ) 4 सम्वत् १३६८ में जालोरका गढ टूटा । वादशाह अलाउद्दीन चढ कर श्राया। चौहान कान्हडदे श्रौर वीरमदे सोनगरे काम श्राये । 5 सम्वत् १३६४में सिवानेका गढ टूटा । वादशाह अलाउद्दीन चढ कर श्राया । चौहान सातल और सोम काम आये । 6 सम्वत् १३६ . रावल दूदा और तिलोकसीने जोहर किया । बादशाह फिरोजशाहकी फौजे चढ़ कर आई । जैसलमेरका राज्य पलटा ।