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________________ भोहिलारै पीढियांरी हकीकत' १ मोहिल रांणा सुरजनरो बेटो २ रांणो हरदत्त ३ राणो वैरसी ४ राणो वालहर ५ राणो पासल ६ रांणो आहड ७ रांणो रैणसी ८ रांणो साहणपाळ ह राणो लोहट १० रांणो बोवी ११ राणो वेग १२ राणो माणकराव १३ रांणो सावतसी, अर १३ राणो सागो दोन भाई मांणकरावरा बेटा। सांगो राणो राव लखणसेनरो दोहीतरो।' १४ मोहिल अजीत सावतसीप्रोत । सांवतसी माणकरावरो। सु अजोत वडो रजपूत हुवो । मोहिल अजीतनू राव जोवैजी प्रापरी बेटी परणाई हुतो, नाम राजांवाई। सु अजीत सासरै मडोहर गयो हुतो।' सु राव जोधो तिणा दिना जोरावर वहै । सु मोहिल वडा सगा, नै या तीरे धरती घणी । सु राव जोधोजी मोहिलासू सदा खोट करणरो विचार करै'; पण मोहिलामे अजीत वडो रजपूत जोरावर । ईयै थकां धरती पावै नही। ताहरा दीठो-'ग्रजीत मारी तो धरती आवै ।11 'ताहरां अजीतन जोधैजी मारणरो विचार कियो । स् राव जोधजीरी राणो भटियाणी, I मोहिलोके वशक्रमका वृत्तान्त। 2 राणा सावतसी और राणा सागा (क्रम स. १३) दोनो भाई मारणकरावके वेटे। 3 राणा सागा राव लखणसेनका दोहिता । 4 मोहिल अजीत सावतसीका पुत्र। 5 और सावतसी माणकरावका वेटा। 6 राव जोधाजीने अपनी राजाबाई नामकी कन्या मोहिल अजीतको व्याही थी। 7 अजीत अपनी ममुराल मडोर गया हुआ था। 8 राव जोधा उन दिनो बडा जोरावर राजा और इधर मोहिल भी बडे मववी पोर इनके पास धरती भी बहुत। 9 अत राव जोधा मोहिलोसे नित्य दगा करनेका विचार करता है। 10 इसके रहते हुए धरती अपने अधिकारमे नही पा सकती। II तव विचार किया कि अजीत मारा जाय तो उसकी धरती अपने अधिकारमे पा जाये।
SR No.010611
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1964
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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