SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 163
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ मुहता नैणसीरी ख्यात [ १५५ 3 4 आया । वडी वेढ कीवी ।" डाहळियारा मांणस ६०० कांम आया । बाकीरा नास गया । धरती वागड़िया लीवी । डाहलिया थी छूटी।" वागड़िया धरती सारी वसाई । " वडी जमीयत कीवी । वागड़ी जोर थका है । 2 6 हमे वागडिया तीरा धरती मोहिल सुरजनोत लीवी छै, तिणरी हकीकत : - चहुवांणारी चौवीस साख कहीजै । राणो सुरजन पूरब दक्षिण वीच श्रीमोररो परगनो कहीजे छे, तठे रांणे सुरजनरो राजस्थान ।' सुरजनरी वडी साहिबी छै । तद धरती मांहै चहुवांण घणी धरती भोगवं । सु रांणा सुरजनरो वडो बेटो मोहिल, तिणसू सुरजन मया न करें । 10 माहो माहि रस काइ नही । 11 ने मोहिल वडो रजपूत, सु बाप सौं वर्णं नही । 12 15 ताहरां मोहिल दीठो- 'काइक और नवी धरती खाटू । 13 तिण ऊपर मांणस दोय रूडा आपरा मेल्हिया । " कह्यो - ' इण तरफरी गिरवा जोइ श्रावो । " काय धरती आपण लेणरी काबू होय तो देख आवो । 26 सो उवै 17 रजपूत धरती जोवता - जोवता " इण तरफ आया । सु विचली ठोड़ देखी । क्यु ही एक " धरती भाया - बधां । 1 I डाहलिये भी सम्मुख चले प्राये । 2 वडी लडाई हुई | 3 डहलियोके ६०० आदमी काम आये । शेष भाग गये । 4 धरती पर वागडियोने अधिकार कर लिया । 5 डाहलियोके अधिकारसे धरती जाती रही । 6 वागडियोने सब धरतीको वसाया । 7 वागडियोकी स्थिति सबल हो गई है। 8 ग्रव वागडियोमे मोहिल सुरजनोतने धरती ले ली है, उसकी हकीकत इस प्रकार है । 9 पूर्व और दक्षिणके बीच जो श्रीमोरका परगना कहा जाता है, वहाँ राणा सुरजनकी राजधानी । 10 राणा सुग्जनका बड़ा बेटा मोहिल जिसके साथ सुरजन कृपा भाव नही रखता है II परस्पर प्रेम नही । 12 मोहिल बडा वीर राजपूत परतु वापसे बनता नही । 13 तब मोहिलने देखा कि कोई और नई धरती प्राप्त करें । 14 जिसके लिए अपने दो अच्छे आदमियोको भेजा । के इर्द-गिर्द का प्रदेश देख कर श्राम्री । 16 कोई धरती लेकर कब्जा करने देखो । 17 वे । 18 देखते देखते । 19 कुछ, कुछेक । । IS इस तरफ जैसी हो तो
SR No.010611
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1964
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy