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अथ नरबद सतावत री वात सुपियारदे लायो तै समैरी __ नरबदजी सतावत मडोहर राज करै। ताहरां सीहड सांखलो रूंणरै धणी आपरी बेटी सुपियारदेरो नाळेर नरबदजीनू मेल्हियो।' ताहरां नरबदजी ऊपर राव रिणमलजी, राणो मोकळ पाया ।। तद लडाई हुई । नरबद घावै पडियो । रिणमलजी मडोहर लियो । जाय गादी बैठा । नरबदन रांणो मोकळ ले गयो।
ताहरा नरबदरो इसो मामलो सुणियो, तद सांखलां सुपियारदेनू नरसिघ खीदावत जैतारणरो धणी सीधळ, तिणनू परणाई ।'
तठा पछै नरबदजी राणैजी पासै रहै । राणैजीरै जीव-प्रांण ।' रांणो बहोत प्यार करै ।
ताहरा एकै दिन राणैजीरा अोळगवां रांणैजीसू मुजरो कियो, ताहरां खंभायची राग कियो । ताहरा नरबद नीसासो नाखियो । ताहरां दीवांण पूछियो । कह्यो-'क्युं नीसासो नाखियो !' ताहरा नरबद कह्यो-'यू ही ।' ताहरा दीवाण फुरमायो-'मडोहर वदळे ?10 ताहरां नरबद कह्यो-'मंडोहर तो म्हारै हीज छै, काकै पासै छै सु।11 पण और वात छै ।1 ताहरा दीवाण फुरमायो-'जिक छै सो कहो ताहरा नरबदजी कह्यो-'राज ! म्हारी माग नरसिघ परणियो। साखलै परणाई, तरो धोखो छ ।'15
ताहरा रांणजी तुरत सांखलै सीहडनू अोठी मेल्ह कहायो-'जु ____ I रूणके स्वामी साखला सीहडने अपनी बेटी सुपियारदेका नारियल नरबदजीको भेजा। 2 उस समय नरवदजी पर राव रिणमलजी और राणा मोकल चढकर आये । 3 नरबद आहत हुया। 4 नरवदको राणा मोकल अपने साथ ले गया। 5 जब नरबदके सवधमे यह बात सुनी तव साखलोने जैतारणके स्वामी नरसिंह खीदावतके साथ सुपियारदेका विवाह कर दिया। 6 जिसके बाद नरवदजी राणाजीके पास ही रहते है । 7 राणाजीके लिए जीव-प्राणकी भाति । 8 एक दिन राणाजीके गायकोने (ढाढियोने) पाकर मुजरा किया और खभायची राग पालापी। 9 नि श्वास क्यो छोडा? 10 क्या मडोरके लिए? II-12 मडोर तो मेरे काकाके पास है सो मेरे ही पास है, पर बात कुछ और है। 13 जो बात है सो कह दो। 14 मेरी मगेतरको नरसिंह सीघल व्याह गया है । 15 साखलोने उसे व्याह दी, इस बातका धोखा है। )