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मुंहता नैणसीरी ख्यात
[ १०६ नोसरियो।' ताहरां प्रोहित पण ऊभो हुतो। ताहरां राव कह्यो'प्रोहित ! आवस्यो ?' ताहरां प्रोहित कह्यो-'राज ! म्हा बांभणारो कासू काम छै ?* ताहरां राव तो चढि खड़िया ।'
तितरै प्रोळियो कटोरो लियै ऊभो हुतो। ताहरां प्रोहित कह्यो'जी, कासू जोवो ?" ताहरां प्रोळिये कह्यो-'प्रोहितजी ! कहीकैनू कटोरो सांपस्यां, ज्युं पुरसाय ल्यावै । ताहरां कह्यो-'जी, उरहो यो, ज्युं म्हे परुसाय लाय देस्यां ।' कहियो-'जी, प्रोहितजी ! आपने कटोरो क्युकर दीजै ?10 ताहरां प्रोहित कह्यो-'भय कोई नही, चाकर उठाय लेसी।11 थांहरो तो काम कियो जोईजै ।' थांसू लाख कांम छ ।'13 ताहरा प्रोळियेरो कटोरो प्रोहित लियो। ____पछै चाकरनू कह्यो-'रे ! ऊठ ल्याव, सीरख ल्याव, ताहरां चाकर ऊंठ पलांण मांड ल्यायो । सीरख ल्यायो । चाकरनू राखियो । आप ऊठ चढ अर देहरैरै मारग घालि अर फेरिया । आगै बिटड़यां कनै जाय नीसरियो । प्रागै एक पलीवाळ ऊभो हुतो, तियेनू कह्यो'-'रे ! फळोधी जाय, वाहर घाल, वाहर कर ।
ताहरां बांभण पुकारियो। आगै राव नरैरा जासूस बैठा हीज हुतो । सांमांन तयार कियो। वारह ऊठा माथै सिलह लदियोड़ो हुतो। अर पाचसै ५०० असवारसूं नरो चढियो आयो । प्रागै बांभण ऊठ तांणियो मारग आवतो दीठो । ताहरां रांमो सोहड बोलियो। कह्यो-'जी, बाभण आवै छ । मत क्युं ही कहो।३० वाहर
_I निकला। 2 खडा था। 3 अायोगे? 4 हम ब्राह्मणोका क्या काम है ? 5 तव राव तो चढ कर चल दिया। 6 उस समय प्रौलिया कटोरा लिए खडा था। 7 क्या देख रहे हो? 8 किसीको कटोरा देना है जो परोसवा कर ले आये। 9 इधर दे दो, सो हम परोसवा कर ला देगे। 10 आपको कटोरा कैसे दिया जाय? II कोई भयकी वात नही है, चाकर उठा लेंगा। 12 तुम्हारा काम तो करना ही होगा। 13 तुम्हारेसे लाखो काम हैं। 14 तव चाकर ऊट पर पलान रख कर ले आया। रजाई भी ले पाया। 15 चाकरको वही रखा। 16 आगे एक पालीवाल ब्राह्मण खडा था, उसको कहा। 17 अरे ! फलोधी जाकर खबर दे कि वाहर करे। 18 बारह ऊँटो पर सिलह-शस्त्र आदि लदे हुए थे। 19 आगे ऊटको खीचते हुए ब्राह्मणको आते देखा 20 इसे कुछ मत कहो।।