________________
६८ ]
मुहता नैणसीरी ख्यात ताहरां रायसल अपूठो आयो । ताहरां घाव फाटा ।' रायसल मुवो । जाहरा रायसल मुवैरी खबर गई, ताहरां फोजा वळे आई। आयनै वीरमदेजीनू परहा काढिया ।'
ताहरा रायमल कछवाहो सेखावत, तिण ग्रागै गया। ताहरां रायमल इणारा घणा हीडा किया।' वरस १ ताई रायमल रै रह्या । घणी जाबता कीवी ।' जिण विधरा ईंयारा चाकर हुता, तिण तिण विधरा हीडा किया ।1 ताहरा वीरमदेजी कह्यो-'रायमलजी ! थे म्हारै वडा सगा, थां माहरा वडा हीडा किया ।11 पछै वीरमदेजी उठासू सीख कीवी ।
पछै वीरमदेजी बौळी लीवी, वणहटो लियो, वरवाड़ो लियो ।13 लेनै अठै बैठा रहा।
ताहरा मालदेजीन खबर हुई। कह्यो-'वीरमदेजीरै अधिकी साहिबी हुई ।15 ताहरा वळे फोजां विदा कीवी वीरमदेजी ऊपर । ताहरा फोजा मौजाबाद आई । ताहरां वीरमदेजीनू खबर हुई, फोजां मोजाबाद आई। ताहरा वीरमदेजी कह्यो-'हमकै हू काम आइस । हमकै नीसरू नही, घणी ही वार नीसरियो ।” पण हमकै हू छाडै नहीं । घणी ही वार चांडू नही, हमकै काम आइस । ___ ताहरा मुहत खीमै कहियो-'खेतरी ठोड़ तो देखो । जेथ लडाई करस्यां सु ठोड तो देखो। ताहरां वीरमदेजी, मुहतो खीमो चढनै ठोड देखणनू आया । ताहरा खीमो मुहतो आघो ही हालियो । ___I तव रायसल वापिस लौटा। 2 तव घाव फट गये। 3 मर जाने की। 4 फिर। 5 आकरके वीरमदेजीको निकाल दिया। 6 उसके आगे गये। 7 तव रायमलने इनकी बहुत सेवा की। 8 तक। 9 बहुत यन्न किया। 10 जिस-जिस प्रकार (दर्जे)के इनके चाकर थे उनकी उस-उस प्रकारसे सेवा की। । तुम हमारे बडे सम्बन्धी हो, तुमने हमारी वडी सेवा की है। 12 फिर वीरमदेवजीने वहाँसे विदा ली। 13 पीछे वीरमदेजीने बौळी, वरणहटो और वरवाडो गावो पर अधिकार किया। 14 इनको अधिकारमे कर यहाँ ही बैठे रहे। 15 वीरमदेजीके राज्य-वैभव अधिक हो गया। 16 इस वार में काम पा जाऊगा। 17 इस बार निकलू (वचू) नही, बहुत वार वच गया। 18 इस वार मैं अपनेको छोड़ गा नही। 19 जहां लडाई करेंगे वह स्थान तो देखलें। 20 तव मुहता खीमा उन्हें दूर ले चला।