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मुंहता नैणसीरी ख्यात हाडां हूं' चावळ हुवा, रू, राई, खड़', धन्न । तो असताई संभळी, ते क्यूं टूकै मन्न ।।१६ रावळ अन परतावियो', सो क्यूं अन्न भखेह । तो प्रोळी बोलाय कर, सिर क्यूं छत्र धरेह ॥२० तो वैठे मैं सारिया, कज्जा लाख सवाय । मो बैठां वंजिये कवण', कसवां करसी घाय ॥२१ अंतेवर पूछाड़ियो, वां केहा11 परियांण । सोढी आगै इम' कहै, सो चाढो निरवांण ||२२ अंतेवरै कहावियो, साहस पूर न गत्त। वांस न रहो सांकवा, सांही अच्छ परत्त ।।२३ रावळ जमहर राचियो, कुसळे पुत्र बोहळाय। नीमणियाइत' के रह्या, रहया जु अन परताय ।।२४ कोट तणै छळ वंस छळ, सरगतणीजगीस। रावळसूं अपनेमिया , रहिया सुभट पचीस ।।२५.. ... कोट तण छळ वंस छळ, सरग समेळे साथ। माधू खड़हड़ भाटिय, खग आवजियो हाथ ।।२६ । दूसळ अनियै देवरज, कहि भांणव अरणपाल । पतसाही दळ झवा, भडां23 भेडू कमाल ॥२७ सातळ सोह हमीर दे, चक्रवत झै चहुवांण । भाला भंवाडै पून रज, अधिक कळह परमांण ।।२८ वैर सनेही वाळियो, फिटक संभ्रम कुळ-मोड़ । खेडेचो खग ऊभियो, रहै हरो राठोड़ ।।२६ . सांम ज संवाहै करै, कर सोळह खंगार। .
I हड्डियोंसे । 2 रूई । 3 घास । 4 धान । 5 अन्न । 6 त्याग दिया। 7 बनाये, . सम्पन्न किये। 8,9 भागा कैसे जाय । 10 जनानाने (पत्नी ने) | II कैसा। 12 इस प्रकार। 13 महिलाओंने कहलवाया। 14 पीछे। 15 जौहर । 16 बहुतसे । 17 चुने हुए लोग। 18 के लिये । 19 युद्ध । 20 नहीं चुने हुये । 21 धारण किया । 22 चारण। 23 वीरोंको। 24 चक्र दिलाये । 25 पवन । 26 युद्ध । 27 पुत्र । 28 वंश-शिरोमणि ।