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मुंहता नैणसीरी ख्यात
[ ३०३ तरफ बळद जोतियो नै बीजी तरफ घोड़ो जोतियो' । जाहरां मांगळियांणी दल भाई कियो हुतो । सु चूक मांगळियांणी लखियो । ताहरां दांतण लोटामें उलटो घालियो । घालनै लोटो दांतणरो मेलियो । ताहरां दलै दांतण देख अर अटकळियो । 'जु, चूक छ ।' जितरै दलै चाकरनूं कह्यो-'म्हारो पेट कसकस।' तरै कहियो-'बाहिरं भूम
चालो।' ताहरां खड़िसल बैस अर घरन चालियो । पछै खड़... सल छोडि वै हीज घोड़े चढ़नै खड़ियो' । खड़सल एके तरफ बळद __ जूतो, एके तरफ राठी जूतो। खड़सल ले वुहा । दलो घोड़े चढ़ अर
घरै गयो। तितरै वीरमजी रजपूत एकठा किया। मसलत करने आया । पूछियो-'दलो कठे ?' कह्यो जी-'पेट कसकसतो सु जंगळे गयो11 ' ताहरां दलियै गहिलोत कह्यो-'दलो गयो।' ताहरां कह्यो'खड़सल बैठो कितरीइक दूर जासी ।' कहियो-'जी खडसल छोड़े असवार हुसी13 । खबर करो।' ताहरां असवार चढ़ियो। जाय देखै तो - एक तरफ बळद जूतो छ, बीजी तरफ आदमी जूतो छ । खड़सल लीय जाय छ । आयनै खबर दी-'दलो गयो ।' ताहरां रजपूतां कह्यो'चूक थांहरो वै लाधो।' ताहरां रजपूतां कह्यो-'सहो, जोईया पावसी 4 ।' यं करतां जोईयां साथ करनै गायां लीवी। तोहरां कुक आई1 । कह्यो-'जी, जोईयां गायां लीवी ।' ताहरां वीरमजी चढिया। रजपूत
[ खड़सलमें एक ओर तो बैल जोता और दूसरी ओर घोड़ा जोता। खड़सल = दो बैलों वाली एक सवारी बैलगाड़ी। 2 उन दिनोंमें वीरमजीकी स्त्री मांगलियाणीने दलेको ...... अपना भाई बनाया था (धर्म-भाई बनाया था)। 3 इस धोखेकी बातका मांगलियाणीको
पता लग गया। 4- तव (दलेके लिये दातुन करनेको) एक लोटेमें उलटा दातुन रख कर
दातुनका लोटा भेजा। 5 तव दलेने दातुन देख कर (धोखेका) अनुमान कर लिया।
.. 6. इतने में दलेने नौकरसे कहा-'मेरे पेट में दर्द हो रहा है।' तब उसने कहा-'शौच हो आओ।' .. तब खड्सल में बैठ कर घरको चल दिया। 7 पीछे खड़सलको छोड़ कर उसी घोड़े पर चढ़
कर 'चल दिया। .8 खड़सलमें एक ओर बैल और एक (दूसरी) ओर राठी जुता, इस प्रकार खड़सल लेकर चले। 9 इतने में। 10 परामर्श करके आये। II पूछा कि-'दला 'कहां ?' उत्तर दिया कि पेट में दर्द हो रहा था सो शौचको गया है। 12 खड़सलमें बैठा
हुआ कितना दूर जायेगा। 13 खड़सलको छोड़ कर घोड़े पर सवार होगा। 14 तव : राजपूतोंने कहा कि-'अब सही ही जोईये हमारे ऊपर चढ़ कर पायेंगे। 15 जोईयोंने अपना . संगठन करके किसीकी गायें छीन लीं। तब पुकार आई। ,