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मुंहता नैणसीरी ख्यात सरव चढिया। लड़ाई हुई। वीरमजी अर देपाळ जोईयो वाजिया' । जोईयैनूं वीरमजी मारियो । वीरमजी आप ठोड़ रह्यो । _ पछै गांम वडेरणतूं वीरमजीरै राजलोकनूं ले अर रजपूत नोसरिया । : सु चूंडैनूं प्रावतां धाय एकै पाक हेठ मूंकियो हुतो सो वीसर गई। कोस एक पर गया, ताहरां चूंडैनूं संभाळियो ; देखै तो नहीं । ताहरां हरिदास दलावत घिरियो । प्रागै देखै तो साप छत्र ऊपर कर बैठो छ । ताहरां हरिदास डरियो। दीठो-'कातूं जांणीजें ?' नैडो गयो । ज्यु साप सिरक अर विल पैस गयो । ताहरां हरिदास चूंडजीनूं संभाहिने ले आयो । प्रायने मारी गोदी दियो। जसहड़रो चूंडोजी मांगळियांरो दोहीतरो' । गोगादे, देवराज, जैसिंघ ऐ तीन भाई। ___ युं करतां मारगमें वहतां एक राठी मिळियो। तिक पूछियो । कहियो-'यो किसो विरतंत' ?' ताहरां राठी कह्यो-'यो लड़को छत्रधारी राजा हुली ।' ताहरां रावळगन भेळो हुवो। पद्रोलायां पधारिया' ताहरां चूंडैजीरी मा कह्यो-'म्हारे धणी सेती काम छै, अांतरो हुवै छ, हूं सती हुईस । ताहरां चूंडोजी धाय दियो। अर धरती माता सूर्यनूं भळाई | अर कह्यो-'पाल्हो चारण छ, तिणरै खोळं देज्यो' ।' चूं.जोरी मा सती हुई। मांगळियांणी सती हुई। दोय सती हुई। लोक सह कोई विखर गयो'" । गोगादे, देवराज, :.:
_ वीरभजी और देपाल जोईया परस्पर लड़े। 2 जोईयाको वीरमजीने मार दिया और वीरमजी स्वयं काम आ गया। 3 पीछे वड़ेरण गांवसे वीरमजीके जनानाको लेकर राजपूत लोक निकल गये। 4 सो पाते हुए मार्गमें चूंडेकों घायने एक प्राकके नीचे रख .... दिया था सो वहीं भूल गई। 5 एक कोस आगे निकलने पर चूंडेको सम्हाला । 6 तव . हरिदास दलावत उसे लेनेके लिये वापिस लौटा। 7 देखा-क्या जाना जाय?' पास गया। 8 ज्योंही सांप सरक कर विलमें घुस गया। 9 चूंडाजी, जसहड़ मांगलियाका दोहिता है। ..... 10 चलते हुए। II उसको। 12 यह क्या वृत्तान्त है ? 13 तब सभी राज-परि-...... वारके लोग इकट्ठे हुए और वहांसे पद्रोलाया गांवको आये। ' 14 तब चूंडाजीकी माताने ... कहा-'मेरे तो अपने स्वामीसे ही काम है, अंतर वढ़ रहा है अत: मैं सती होऊंगी। 15 तव चूंडाजीको तो धायके सुपुर्द किया और धरती (देश)को सूर्यके सुपुर्द किया। 16 इस वच्चेको आल्हा चारण है उसकी गोदमें देना। - 17 और सभी लोग विखर गये।