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मुंहता नैणसीरी ख्यात . [ २८१ रिया। आदमी आया; देखै तो सलखोजी नहीं। तोहरां आदमी अपूठा फिर गया। राठी सलखावासी' गयो। जाइ रावळे कपड़ो . लियो। कह्यो-'जी, रावळ बेटा ४ हुसी । सु धरतीरा धणी हुसी। धरती थांहरै घरै हुसी । अर थांहरै कुरसी दर कुरसी ठकुराई हुसी। थांरा कर दस दिसा पसरसी । दीकरा' थांरा घणा सकरमण हुसी।' इसो राठी सगुनरो फळ कह्यो। आप हरखित हुयनै राठीनू पाघ बंधाई। बीजांही सवणियांनू पूछियो। तियां कह्यो-'जिकै रांणीरै प्रसूत हुसी तियैरो बेटो धरतीरो धणी हुसी।' आप राजी हुवा । मालोजी जाया । घणो हरख हुवो । घणी वधायां वैहची' । मालो दिन दिन वधै। महा प्रतापवान हुवो। बीजो बेटो वीरम, तीजो जैतमाल, चोथो सोभत । वीरमनै सोभत एकै मा-रा। मालो नै जैतमाल एकै मा-रा । युं करतां बेटा वडा हुवा । जाहरां मालोजी बारह वरसांरा हुवा; ताहरां मालोजी महेवै गया, जायनै राव कांनड़दे तू मुजरो कियो। राव मालैनू बोलायो । दिहांनगी करदी" । भेळो जीमैं' । मालो भलीभांत चाकरी करै। कानड़दे मालै ऊपर मया करै ।
एक दिनरो समाजोग छै । रावळ कानड़दे सिकार चढिया छ । सरब रजपूत साथै छै । मालो पण साथै छ। सिकार रमी, अर अपूठा वळिया' । ताहरां राव कानड़देरो पलो मालै पकड़ियो। कह्यो'कांनड़देजी ! धरतीरो हैंसो1 मांगू, छोडूं नहीं। घणोही कह्यो, पण छोड़े नहीं। रजपूत अळगा ऊभा हुइ रह्या । नैडो कोई न आवै ।
___ I सलखावासी = सलखाका आबाद किया हुमा गांव । 2 अापके। 3 स्वामी । 4 आपके घरमें धरती होवेगी अर्थात् आपके अधिकार में धरती पाजावेगी। 5 पीढ़ी दर पीढ़ी वंश परवंश । 6 आपके हाथ दशों दिशाओंमें फैलेंगे। 7 लड़के, पुत्र। 8 सकर्मण्य, श्रेष्ठ कार्य करने वाले। 9 शकुन-वेत्ताओंको। 10 मल्लिनाथजी जन्मे। 11 बहुत बधाइयां दीगई। 12 मल्लिनाथजी। 13 वीरम और सोभत एक माताके उदरसे जन्मे । 14 कान्हड़दे, मल्लिनाथजीके पिता सलखासे वडे थे, इसीसे राज्याधिकारी हुए। 15 बतलाया, बातचीत की। 16 प्रतिदिन-देय द्रव्य नियत कर दिया। 17 कान्हड़देके शामिल भोजन करते हैं। 18 कृपा करते हैं। 19 पीछे लौटे। 20 वस्त्रका छोर। 21 हिस्सा, अंश, बंट। 22 दूर खड़े रह गये। 23 कोई निकट नहीं आता है ।