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- मुंहता नैणसोरी ख्यात * प्रोतरा' पाछमा लाख दळं आवटै , जांमसूं काबली थाट जुड़िया ।। २ ढहै ढींचाळ रत-खाळ' खळकै धरा, जुड़े धड़ पड़े भड़दड़ जड़ाळे । सता विण अवर कुण साहतूं समवई', पाधरै पैज'° मैदांन पालै 1 ॥ ३. जाम जु कियो आजीज सु जेहवो', इसो को हुवो भाराथ13 प्रागै । कियो खळकट14 दळां काछ-कालंबरां, वीररो वळे सर घोर वागै ॥ ४
I (१) उत्तरके, (२) आगेके । 2 (१) पश्चिमके (२) पिछले । 3 नाश होता है। 4 सेना। 5 गिरते हैं। 6 हाथी। 7 रक्तका नाला । 8 कटारीसे। 9 समता करता है। 10 (१) मर्यादा, (२) प्रतिज्ञा । II रोकता है। 12 जैसा, समान। 13 युद्ध । 14 नाश, ध्वंश।