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मुंहता नैणसीरी ख्यात निग्रह' फोज फाड़ नीसरतै, सतै घातिया पाखर सेर* ॥ १ सता तणो' वढ लोप न सकियो, लोपी नहीं लोह-ची-लीह। पै पंडर' घड़ा रा पाड्तै, दरगैरा पड़िया तिण दीह ॥ २ सतावीस दी कवण संभार, सदी स कवण वधै संग्रांम । पंच हजारी किता पाडिया, किता हजारी आया काम ॥ ३ त्रिकुट अनै हथणापुर- तीजो, घड़ा खूह-खण" एकण घाय' । इण निसपति असपतिसूं अवडो'', रिण काछियो जु काछी राय 1 ।। ४ .
___ गीत आढो भरमो कहै तवल वाज23 गजराज24 सकबंध अकवर तणा, रहचिया मीर हालै रंढाळे । सतै आफाळिया भला खुरसांणसू29 काछ° पंचाळ सोराठ काळे ।। २ . सारसी पारसी सिंधुरी साईयां. गुड़ड़िया सोर नीसांण गुड़िया ।
I युद्ध । 2 निकलते हुये । 3 डाल दिया, बना दिया । 4 छेद नाश । '5 का । 6 (१) प्रहार, (२) शस्त्रकी तीदरण धार। 7 (1) शस्त्रकी मर्यादा, (१) शस्त्रको धागको। 8 (१) परंतु, (२) प्रतिष्ठा, (३) पाँव । 9 मुसलमान, यवन । 10 सेना। ... II उन दिन। 12 कौन । 13 लंकाका गढ 1. 14 और। 15 हस्तिनापुरः। 16 सेना। ... 17 नाग। 18 प्रहार। 19 इतना। 20 लड़ाईकी, युद्ध किया। 21 कच्छके राजाने, कच्छाधिपति सत्ताने। 22 ढोल, नगारा । . 23 घोड़ा। 24 हाथी। 25 का । 26 संहार किया, पराजित किया । 27 वीरने। 28 युद्ध किया, भिड़ा . 29 वादशाही ।.. 30 कच्छ देश : 31 पांचाल देश । 32 सौराष्ट्र। 33 बजे ।....