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मुंहता नैणसीरो ख्यात [ १७१ ७ सुंदरदास ।
५ पिरागदास वीरमदेवोत । सं० १६४० खूटलो लवैरारो पटै । पछै वदळे सोयलो दियो थो। पछै छाडनै बूंदी राव भोजरै वसियो । पछै उठ हीज परणियो थो। सासरै गयो थो; उठे उणारे वैरायतां मारियो।
६ मनोहरदास पिरागदासोत । किसनगढ रैहतो। ६ वीठलदास प्रागदासोत-। किसनगढ रैहतो । ५ राघोदास वीरमदेवोत ।। ६ जैतसी । संमत १६६८ चंडाळियो अोयसांरो पटै । ७ सबळो। ७ रामसिंघ। ४ रांणो रामावत ।
५ पतो रांणावत । संमत १६४० ढीकाई पटै । पछै खुडियाळो पटै । सं० १६६० सांवत-कूवो। सं० १६६३ मांडवारी वेढ काम आयो ।
६ कुंभो पतावत । संमत १६६३ खुडियाळो पटै थो। सं० १६७१ ... अजमेर गोयंददासजी साथै काम आयो ।
७ जगनाथ । ६ नाथो पतावत । संमत १६७२ खुडियाळो पटै । ६ द्वारकादास पतावत । संमत १६८१ खुडियाळो पटै ।
६ रुघनाथ पतावत। .. ५ सुरतांण रांणावत । संमत १६४० उदीवस बहेलवारो पटै ।
६ भींव सुरतांणोत, वडो रजपूत थो। किसनसिंघजी घणी मया कीवी। साथै काम पायो' ।
1 संवत १६४०में लवेराका खूटला गांव पट्ट में । फिर इसके बदले में सोयला गांव दिया था। पीछे छोड़ कर वूदीके राव भोजके यहां रहा और वहीं विवाह किया। ससुराल गया था, जहां उनके (बू'दी वालोंके) शत्रुओंने उसे मार दिया। 2 किशनगढ रहता था। 3 सम्वत् . १६६८में प्रोयसोंका चंडालिया गांव पट्ट में। 4 संवत् १६४० में ढीकाई गांव पट्टे में । बादमें खुडियाला गांव भी पट्ट में दिया । संवत् १६६०में सांवत-कुप्रा दिया गया । संवत्
१६६३ मांडवाकी लड़ाईमें काम आया । 5 सम्वत् १६७१में अजमेरमें गोयंददासजीके साथ । काम आया। 6. संवत् १६४० में बहेलवाका उदीवस गांव पट्ट में । 7 भीम सुरताणोत बड़ा.
राजपूत था । किशनसिंहजीने उस पर बड़ी कृपा की। उन्हींके साथ काम आया । .
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