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________________ मंहता नैणसीरी ख्यात ७ डूंगरसी। २ मांजो चूंडावत । ३ नीबो। ४ सुरतांण । ४ सूरो। ५ सांवळ दास। ६ करमसी। ६ करन। ७ राजसिंघ। ७ सबळ सिंघ। २ तेजसी चूंडावत । ३ रावळ सांवळ दास । वात सीसोदिया डूंगरपुर वांसवाहळांरा धणियांरी.. औ' रावळ करनरै वेटा राहप, माहप हुवा। तिण माहे राहप रांणारा? .. चीतोड़ धणी। रावळ माहपरा वागड़ धणी। औ सदा चीतोड़रा. रांणारी चाकरी करता । पर्छ सै दिल्लीरा पातसाहाँसू पिण रजूआत राखै छै । वागड़नूं गांव ३५०० सै लागै ।. आधा डूंगरपुर वासै आधा वांसवाहळा वांस हुवा । पेहली तो ठकुराई डूंगरपुर मुदै हुती । पछैतूं रावळ उदैसिंघ गांगैरै सूधी तो वांगड़ एक छत्र भोगवी । नै रावळ उदैसिंघरै वेटा २ हुवा-रावळ प्रथीराज नै जगमाल .... हुवा । सु रावळ प्रथीराज, उदैसिंघ मूवां टीकै बैठो। जंगमाल धरती वारै नीसरियो। तिण ऊपर रावळ प्रथीराज काढणनूं फोज विदा कीवी। तिण माँहे सिरदार चो० मेरो वागड़ियो, राव परवत लोला- ..... डियो छै। सु औ जगमाल ऊपर गया। आ धरती माहेता जगमालनूं घेच काढियो । जगमालरा गाडा लूटिया। कई रजपूत मारिया। जगमाल हाथां-पड़तां10 नास गयो । भाखरे पैठो11 | धरती वस करने ... 1ये। 2 राहप राणाके वंशज चित्तोड़के धणी। 3 और माहपके वंशज वागड़के : धणी । ४ समस्त । 5 आनेजाने और हाजिरीका संबंध । 6 मुख्य । 7 जगमाल अपने . .... देशसे बाहिर निकल गया । 8 में से। 9 खदेड़ दिया। 10/11 जगमाल पकड़े जानेकी . स्थिति में होते हुए भी अति त्वरासे भाग गया और पहाड़ोंमें घुस गया।
SR No.010609
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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