________________
:
मुंहता नैणसीरी ख्यात
साह आलम मूकै सहिजादो, रायजदो थाप लियो रांण ॥ २ ॥
मंडियो वाद दिली मेवाड़ां,
समहरतिको दिहाड़े सींव ।
अवस न पैठा किसा भाखरां ?
भाखर किस न विढियो भींव ? ।। ३ ।।
आरंभ जांग अमर धर ऊपर, लड़ै अमर छल तांम लग ।
--
आवढ़ियो घटियो असुरायण, खूमांण मांजसियो खग ।। ४ ।।
५६
वात
सोदो - बारहठ' थाहरू 2 चीतोड़रो । बूंदी रांणा खेतारी वार मांहे हाडां लाल' कनै गयो हुतो । सु लाल वात कहतां कुंई दीवांण दिसा बुरो बोलियो" A । तरै थाहरू पेट मार मूवो" । कोई कहै छै - कमळ - पूजा कर मूवो । तिण दावै सीसोदियां हाडांरै वैर पड़ियो । घणा दिन अदावत वुही' । घणो वैर धुखियो । पछै सीसोदियांसूं हाडा पौंच सकै नहीं'' तरै वैर भागो11 A । सीसोदियां १२ सिरदार हाडांरै परणिया-2, नैं गांव 12 A २४ बूंदी राव दायजै 13 दिया, बूंदी नं 14
उधर शाहआलम खुर्रमको भेजता है तो इधर राणा अमरसिंहने अपने भाई ( रायजादा ) भीमको नियुक्त कर दिया है || २ || दिल्ली और मेवाड़ वालोंके परस्पर ऐसा युद्ध जमा जो उन दिनोंके युद्धोंकी एक (चरम ) सीमा थी । तुर्क कौनसे पहाड़ों में नहीं घुसे और भीमने उनका पीछा कर कौनसे पहाड़ों में युद्ध नहीं किया ? || ३ || अमरसिंह अपने आरंभकालसे ही युद्ध लड़ता रहा । उसने जितने भी आक्रमण किये उनमें मुसलमानोंका बल क्षीण होता गया । इस प्रकार खुमाणके वंशज अमरसिंहने अपनी तलवारको पवित्र किया ॥ ४ ॥
1 चारणोंकी एक शाखा । 2 चारणका नाम। 3 समय । 4 बूंदीके हड़ा लालसिंह | 5 था । 5 A लालसिंहने बात करते समय दीवान ( राना खेता) के संबंध में कुछ बुरे शब्द कहे । 6 तब थाहरू पेटमें छरी मार कर मर गया । 7 सिर काट कर । 8 इसी कारण । 9 शत्रुता चलती रही । 10 शत्रुता अधिक जग उठी। 11, 11 A फिर जब हाड़े सीसोदियोंको नहीं पहुँच सके तब जाकर शत्रुता मिटी । 12 बारह सिसोदिया सरदारोंने हाडोंके यहां विवाह किया । 12 A दहेज में गांव ६ ही दिये हैं भूल से २४ लिख दिये गये हैं । गांवके नाम भी छः हीं हैं । 13 दहेज | 14 और ।