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________________ ३६४ ] मुंहता नैणसीरी ख्यात वसै छै । सो प्रागै तो वङी ठोड़ हुती । वडी साह्विी हुती । तद . सैहर वस्ती घणी हुती । हमैं ही जैतारण सारीखो सहर वसँ छ । मुदो वस्तीरो वांणियां ऊपर छै । वडो अलियळ देस । चवदै चेढी गांव लागै । चेढी १रो मान ५६०; तिण चवदै चेढीरा गांव ७८४० हुवा । काळीझररो पहाड़ वडो, गांवझू कोस.., पछम दिसा लांवो कोस ५ । माहै पांणी घणो, झाड़ घणा । नास-भाजनं वडी माथारखी' । गांवसूं पांवडा १०० तळाव एक छ । त? पाणी पीये। वावड़ी ६ तथा ७ गांवरी पाखती सखरो छ । पांणी मीठो। पुरसै .. १० तथा १२ । गांव घणा लाग, चवदै चेढीरा । पैहली तो घणा गांव वसता । हिमैं गांव १४० वसै छै । १०० पारकररा धणियांरै। गांव ४० सोढा रांमरी मऊ वसै । पारकररी धरती इण भांतरी । जिका धरती ऊमरकोट छहोटण, सूराचंद । इण तरफ गांव कैरिया,13 एक साख, खेती-बाजरी, मूंग, मोठ, तिल । कूवै पाणी पुरसै २० मीठो । वीजी तरफ कछ दिसा, धरती कालार", तठे सर भरीजै, तटै ज्वार, गोहूं। ___पारकररी सींव इतरी ठोडसूं लागै' १ एकण तरफ कछरो बैसगो ! भुजनगर कोस ५०; कोस .... ४० तांईं पारकररी हद, गांव रांणी पारकररो। १० कोस प्रागै भुजरी। १ ऊमरकोट कोस ८० । ५० कोस तांईं पारकररी। ३० प्रागै ऊमरकोटरी। ___I जिस गढके नीचे शहर वसता है। 2. उस समय शहरमें वस्ती अधिक थी। 3 अव भी जैतारण जितनी वस्तीका शहर बसा हुआ है। 4 वस्तीका अाधार वनियोंके ऊपर है। 5 पश्चिम दिशा । 6 वृक्ष बहुत 1 7 भाग कर छिप जानेका अच्छा स्थान। 8 कदम। 9 जहां पानी पीते हैं। 10 पास । II दस तथा वारह पुरुष गहरा पानी (पुरुष = एक प्राचीन माप, दोनों हाथ सीवे फैलाने पर वक्षस्थल सहित जो लंबाई पाती है वह एक पुरुप कहलाता है' .. १२० अंगुलका भी पुल्प माना जाता है। ) 12 अब । 13 करील आदि कँटीलें पेड़ों वाले। 14 खारी जमीन, कल्लर भूमि । IS जहां बरसाती पानी इकट्ठा हो जाता है और उसमें..... ज्वार और गेहूं उत्पन्न होते हैं। 16 पारकरकी सीमा इतने स्थानों से लगती है। 17. एक ओर कच्छका बैठना (राज्य)। 18 तक 1 19 दस कोस आगे भुजकी सीमा।
SR No.010609
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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