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________________ मुंहता नैणसीरी ख्यात . [२६३ ५३ गौतम । ६१ राजा कहनी। ५४ नळराजा, नळवर ६२ देवांनी । वसायो । ६३ राजा उसै । ५५ ढोलो नळरो। ६४ सोढ़। ५६ लछमण । ६५ दुलराज । ५७ वजरदीप । ६६ काकिल। १५८ मांगळ, मांगळोर ६७ राजा हणुं, आंबेर । वसायो । ६८ जोजड़ । ५६ सुमित्र । ६६ राजा पुंजन । ६० सुधिब्रह्मा । कछवाहांरी विगत१४ राजा हरचंद, राजा सिंघरो" । हरचंदरै रांणी तारादे हुई, कंवर रोहितास हुवो, जिण रोहितासगढ़ करायो । ३१ श्री रामचंद्रजी, राजा दसरथजीरै । रामचंद्रजीरै लव नै कुस हुआ । तिण लव लाहोर वसायो । कुसरा कछवाहा हुआ11 । ५५ राजा ढोलो नळ राजारो, जिण गढ़ ग्वाळेर वसायो । ग्वाळेर ऊपर गोलीराव तळाव करायो । जिण ढोलारै बैर १ मारवणी हुई, बंभ राजारी बेटी हुई । १ पंवार भोजारी बेटी हुई 14 । ५६ राजा सुमित्र मांगळरो, जिण ग्वाळेर राज कियो। ग्वाळेर गढ़ करायो । गोलीराव तळाव गढ़ ऊपर करायो। ६४ राजा सोढ़ उसै राजारो। नळवर छोड़ ढूंढाड़ माहै पाय वसियो। _ I नल राजाने नलवर बसाया। 2 ढोला नलका पुत्र। 3 वज्रदीप। 4 मांगलने मांगलोद बसाया। 5 राजा हणु आमेर आ गया। 6 राजा त्रिसिंघका पुत्र। 7 जिसने रोहिताश्वगढ बनवाया। 8 राजा दशरथके पुत्र। 9 रामचन्द्रजीके पुत्र लव और कुश हए। 10 उस लवने लाहोर बसाया । II कुशके वंशज कछवाहा कहलाये। 12 राजा ढोला नल राजाका पुत्र जिसने ग्वालियर बसाया । (ग्वालियर ढोलाके पहले बसा हुआ था ) 13 उस ढोलाकी एक पत्नी वंभ राजाकी (?) पुत्री मारवणी थी। 14 एक दूसरी पत्नी पंवार राजा भोजकी पुत्री (मालवणी) थी। 15 गोलीराव नामका तालाव गढ़ पर करवाया। ( पीढ़ी सं० ५५. में ढोलाके द्वारा गोलीराव तालाब बनवानेके उल्लेखसे यह विरुद्ध है ) । 16 नलवर छोड़ कर ढूंढाड़में आकर बस गया ।
SR No.010609
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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