________________
२५६ ]
मुंहता नैणसीरी ख्यात हुई । मानसिंघ वेढ़ जीती । रायसल वेढ़ हारी । राव प्रथीराज हरराजोत रायसलरो चाकर, राव देवीदास सूजावतरो पोतरो' काम आयो । तठा पर्छ वळे एक वार राव प्रथीराज कल्याणमलोत वीकानेरिया पातसाहजी गढ़ गागुरण दी थी, तद पिण' वेढ़ १ हुई। तिकी राव प्रथीराज जीती । खीची हारिया । पछै पातसाह जहांगीर .. खीचियांसू जोर लागो । मऊ राव रतननूं इनांममें दीवी, कह्यो"मार ल्यो ।” पछै राव रतन जोर मऊसूं खीचियांसू राह हुय लागो । थांणा ४ असवार २००० मऊरा देसमें राखिया। गांव रजपूतांनूं वांट दिया। राव गोयंददास उग्रसेनोत, राव कांन रायमलोत राठोड़ा सिरदारानूं राखिया । पछै राव रतनरा साथ रैनै खीचियां मामला11 ठौड़-ठौड़ घणा हुवा । खीचियांसूं धरती छूटण हाली । राजा सालवाहन पिण राव रतनरै साथ मारियो । दिन-दिन खीची टूटता गया । हाडांरो जमाव हूतो गयो । हाडै खीची मारनै धरती भोग घाती15 । मुदौ मऊ ऊपर सु मऊनूं गांव १४०० लागै । गांव ७०० अगवारै तिकै चौड़े, गांव ७०० पछवाड़े तिणां झाड़ पाहाड घणा ।
राव गोपाळ मऊ, मैदानरो धणी, वडो रजपूत हुवो, पातसाही चाकरी करतो । खीचियांसू और ठोड़ तो गई । घणा दिन हुवा चाचरणी तो वारसां कईक पैहली खीची वाघरी मा, वैर सींधळ हुती तिका जीन साज पैहर-पैहरनै पातसाही फौजांसं केई लड़ाई लड़ी।
I पौत्र । 2 जिसके वाद। 3 फिर। 4 बीकानेर वालेको। 5 तव भी। 6 जिसको। 7 विवश करने लगा, हमला करने लगा। 8 मार करके अधिकार कर लो। 9 पीछे राव रतन मऊके खीचियोंसे राहु होकर पीछे लगा, लड़ाई करने लगा। 10 वांट दिये। II लड़ाइयां। 12 खीचियोंसे धरती छूटनेको चली। 13 राद रतनके साथने राजा सालिवाहनको भी मार दिया। 14 दिन-दिन खीची कमजोर होते गये। IS हाडोंने खीचियोंको मार करके धरतीको अपने अधिकारमें कर लिया। 16 मुख्य आधार मऊके . .. ऊपर। 17 गांव ७०० अागेके चौड़े-मैदानके और ७०० गांव पीछेके जिनमें वृक्ष और पहाड़ बहुत। 18 राव गोपाल मऊ और मैदानका स्वामी। 19 कई वर्पोसे और बहुत समय पहलेसे चाचरणी गांव वाघकी मा, सीवल स्त्री के (सींधलियाणीके) . अधिकारमें था, जिसने शस्त्र धारण करके वादशाही सेनासे कई लड़ाइयां लड़ी।