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मुंहता नैणसीरी ख्यात
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"वैर म्हारा वेटा खेतो भोजो लेसी ।" पर्छ खेते भोजे घरणा धुंकळ जगमालसूं किया । जगमालरा दो भाई मारिया, खेढ़ो वानर जगमाल थो तिणरा सात बेटा मारिया |
इति श्री कांपलिया चहुवांणांरी बात संपूर्ण |
वात खीचियांरी
ही चहुवांण राव लाखणरा पोतरा ।
पीढ़ियांरी विगत—
१. राव लाखण ।
२. बल ।
३. सोही ।
४. महंदराव ।
५. ग्रणहल ।
६. जींदराव ।
७. ग्रासराव ।
८. मांणकराव ।
वात
मांणकरा व आसरावरो बेटो तिणसूं बाप खुसी हुवो, तरै एकरण" दिन श्रासराव मांणकरावनूं कह्यो - "तूं ऊगां प्राथवतां " बीच फिर ग्रावैतितरी' धरती म्हे तोनूं देवां । तरै मांणकराव दिन ऊगतां समो चढ़ियो सु दिन प्राथमियो तितर फिर प्रायो' । इतरी धरती संभररो चढ़ियो, तैरी विगत' – नागोररी पटी, ८४ सारी ही, भदांण इण दीठी, तरै गढ़ कोटनूं ठौड़ ठे विचारी नै प्राथवणनूं ' जायल कांनी'" मांणकराव नीसरियो, तरै उठे ग्वार 14 उतरिया थान ओ" पिए" सारा दिनरो फिरतो भूखो हुवो हुतो उठ कर
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I वैरका बदला मेरे बेटे खेता और भोजा लेंगे। 2 उपद्रव । 3 उसके । 4 जिससे । 5 एक । 6 सूर्य उदय हो कर ग्रस्त होवे । 7 उतनी । 8 तव मारणकराव दिन उगने के साथ ही चढ़ा सो दिन ग्रस्त हुआ तव तक फिर कर लौट आया । 9 सांभरसे चढ़ कर इतनी धरती में फिर कर श्राया, जिसका विवरण । 10 देखी । II पश्चिम की ओर । 12 तरफ | 13 निकला । 14 ग्वारिये लोग 1 ( एक स्थायी आवास-रहित जाति, जो लकड़ी के कंधे श्रादि बना कर बेंचनेका काम करती है ।) IS डेरे डाले हुए थे । 16 यह । 17 भी ।