SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 258
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २५० ] मुंहता नैणसीरी ख्यात 2 "वैर म्हारा वेटा खेतो भोजो लेसी ।" पर्छ खेते भोजे घरणा धुंकळ जगमालसूं किया । जगमालरा दो भाई मारिया, खेढ़ो वानर जगमाल थो तिणरा सात बेटा मारिया | इति श्री कांपलिया चहुवांणांरी बात संपूर्ण | वात खीचियांरी ही चहुवांण राव लाखणरा पोतरा । पीढ़ियांरी विगत— १. राव लाखण । २. बल । ३. सोही । ४. महंदराव । ५. ग्रणहल । ६. जींदराव । ७. ग्रासराव । ८. मांणकराव । वात मांणकरा व आसरावरो बेटो तिणसूं बाप खुसी हुवो, तरै एकरण" दिन श्रासराव मांणकरावनूं कह्यो - "तूं ऊगां प्राथवतां " बीच फिर ग्रावैतितरी' धरती म्हे तोनूं देवां । तरै मांणकराव दिन ऊगतां समो चढ़ियो सु दिन प्राथमियो तितर फिर प्रायो' । इतरी धरती संभररो चढ़ियो, तैरी विगत' – नागोररी पटी, ८४ सारी ही, भदांण इण दीठी, तरै गढ़ कोटनूं ठौड़ ठे विचारी नै प्राथवणनूं ' जायल कांनी'" मांणकराव नीसरियो, तरै उठे ग्वार 14 उतरिया थान ओ" पिए" सारा दिनरो फिरतो भूखो हुवो हुतो उठ कर 0 11 2 16 17 I वैरका बदला मेरे बेटे खेता और भोजा लेंगे। 2 उपद्रव । 3 उसके । 4 जिससे । 5 एक । 6 सूर्य उदय हो कर ग्रस्त होवे । 7 उतनी । 8 तव मारणकराव दिन उगने के साथ ही चढ़ा सो दिन ग्रस्त हुआ तव तक फिर कर लौट आया । 9 सांभरसे चढ़ कर इतनी धरती में फिर कर श्राया, जिसका विवरण । 10 देखी । II पश्चिम की ओर । 12 तरफ | 13 निकला । 14 ग्वारिये लोग 1 ( एक स्थायी आवास-रहित जाति, जो लकड़ी के कंधे श्रादि बना कर बेंचनेका काम करती है ।) IS डेरे डाले हुए थे । 16 यह । 17 भी ।
SR No.010609
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy