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________________ २४८ ] मुंहता नैणसीरी ख्यात और तो वोड़ा घणा कठै ही सुणिया नहीं, ने एक बोड़ो मांनो नरवदोत जाळोररै गांव बापड़ोतरै रहतो, वापड़ोतरो पटै हुतो। गांव ५ तथा ७ पटी दहियावतरी मांहै-सीहरांणो, खारी सांधाणो, देवसोवास, बालवाड़ो पालासण । मांनारा भाईबंध रहता। मांगस २००रो जोड़ हुँती । असवार ४० बढ़ता। ___मांनो नरबदरो, सीहो, ठाकुरसी, सूरो, मेहेवरे गांव भाटेबै वळे वोड़ा रहै छै । चहुवांणांरी साख मांहै एक साख कांपलिया कहावै छै । सु कांपलो साचोररो गांव छ, तिको इणांरो राजथांन, तिण गांव लारै कांपलिया नांव' पड़ियो । प्रागै कुंभो कांपलियो वडो रजपूत हुवो छै तिणरा गांव कुंभाछतरा कहीजता"; सु धनवो, धोरीनमो कुंभाछतमें मुदै छै । ओ खंड साचोर वासै लागै छै । कुंभाछत साचोर नै ईडर लगती। वात कुंभा कांपलियारै घोड़ी १ निपट अवल छै1° । तिण दिन रावळ मालै पिछम नै घणी धरती खाटी छै1, सु सको पिछमरा भोमिया रावळ मालारो अमल मनै छै । कुंभारी घोड़ी लेणरो विचार करै छ । तिण समै रावळ मालारै परधान भोलो नाई छै; तिणनूं रावळ कहै छै-"या घोड़ी लीचाहीजै।" तरै भोयो कहै छै- "कुंभो तो पारियां घोड़ो देणरो न छै131 सु कुंभानूं तेड़14 दरबार वैसांणियो I कहीं। . 2 वरावरकी जोड़ीके २०० आदमी इसके पास थे। 3 नरवदका बेटा माना, सीहा, ठाकुरसी और सूरा ये मेहवे परगनेके भाटवे गांवमें रहते हैं। 4 इनका । 5 शाखा, वंशका नाम। 6 जिसके गांव 'कुंभाळत'के कहे जाते थे। 7 सो धनवा और .. घोरीनमा 'कुंभाछत' में मुख्य हैं। 8 यह खंड साचोरके पीछे लगा है अर्थात् ताचोर परगनेमें ... है। 9 कुंभाछत खंड, साचोर परगने और ईडर रियासतसे लगा हुआ है। 10 कुंभा . कापलियेके घोड़ी १ अत्यंत सुन्दर थी। II उन दिनोंमें रावल मालदेने पश्चिममें बहुत धरती (प्रदेश) प्राप्त की है। 12 सो पश्चिमके सभी भोमिये रावल मालदेका शासन . .. मानते हैं। 13 कुंभा सीवे रास्ते घोड़ी देने वाला नहीं है। 14 सो कुंभाको बुला कर। .. "
SR No.010609
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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