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________________ मुंहता नैणसीरी ख्यात [२३३ १८ रांणो नींबावत । रांणारै पटै राव मालदेरी दीधी समदड़ी ... सिवांणारी थी। १६ महकरण रांणावत। मोटा राजाजीरो सुसरो । दलपतजीरो ___ मामो तुरकांण माहै काम आयो । २० सिखरो महकरणरो। राजा श्रीगजसिंघजीरो सुसरो । मोटा राजाजीरो चाकर । खेजड़ली गांव ३ तूं पटै । महकरणरो परवार, सिखरारो परवार २१ रामसिंघ सिखरावत । २१ हरिदास सिखरावत । २१ दयाळदास सिखरावत । २२ राघोदास । २० देईदास महकरणोत । मोटा राजाजीरै समावळीरो चाकर। संमत १६४० गांव चवाड़ी जोधपुररी, सं० १६ तांतूवास ओईसारो, सं० १६ · · गोयंदरो-वाड़ो दूनाड़ारो, संमत १६ · · दहीपुड़ो जोधपुररो। २१ कचरो देईदासरो । संमत १६६३ तांतूवास पटै । संमत १६७४ हूण गांव सोझतरो पटै । संमत १६७७ तिमरली रांम कह्यो । २२ मुकंददास। २२ हरिदास । २१ केसवदास देईदासरो । संमत १६७३ दहीपुड़ो जोधपुररो पटै। . २० सांवतसी महकरणोत । दलपतजीरो मामो नै दलपतजीरो हीज चाकर । ठाकुराईरो धणी' । I राणा, नींवाका वेटा। राणाको राव मालदेवकी दी हुई सिवाना परगनेकी समदड़ी पट्ट में थी। 2 मोटा राजा उदयसिंहजीका सुसरा। 3 तीन गांवोंके साथ खेजड़ली गांव पट्ट में । 4 मोटा राजाजी उदयसिंहके समावली गाँवका चाकर। 5 इसे सम्वत् १६४० में जोधपुर परगनेका चवाड़ी, सं० १६. में अोईसांका तांतूवास, सं० १६." दूनाड़ेका गोविंदरो-वाड़ो और सम्वत् १६. 'जोधपुर परगनेका दहीपुड़ा-पट्ट में मिले थे। 6 सं० १६७७ में तिमरली गाँवमें मरा। 7 बड़ी ठकुराईका मालिक ।
SR No.010609
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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