SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 236
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २२८ ] मुंहता नैणसीरी ख्यात दिस→ कोस छै', पांणो मीठो छ । साचोरसू कोस १ गांव लाछड़ी उत्तरनूं छ, तिण गांव कूवो १ छै तिणरो पांणी निपट मीठो पालर सारीखो छ । उठासू वाहणां पांणी सहर आवै छै । साचोररो निरजळ देस छै । सहररी पाखती जाळ, कैर घणा । परगनो इकसाखियो" रत" पटेल, रजपूत । गांव १२६ लागें । तिण मांहै गांव २८ नदी लूणी सूराचंद राजधरारै कांठ नीसरै, तरै इतरा गांवां साचोररां मांहै वहै । तिण गांवे गोहूं, चिणा सैंवज हुवै', रेल आयां' । रेल नावै तर गांवां २८ कोसीटा २०० हुवै। बीजा11 गांव सारा इक- . साखिया । बाजरी, मोठ, मूंग, तिल, कपास हुवै । परगना मांहै भूमिया देवड़ा, वागड़िया तिणांरा गांव छै । नैं चोहुवांण पूरेचा .. गांवां माहै छ 13 । सहर साचोर माहै सकना तुरक घर १५० छै। . सकना कहावै छै । खेत १०० सहर माहै पसाइता खावै छै । खूम .. ३ उणांरा छ १ बहलीम, १ झेरडियो, १ पायक, गांव दीठ रु० २) पावै छ । गांव १२६ माथै दाम २४८०००० । साचोर सहररी वस्ती उनमांन17 घर १२४५-- ७०० महाजन ओसवाळ श्रीमाळ । १५ दरजी। ८० वांभण श्रीमाळी18 । १२ मोची। १० रजपूत । ४० तेली। १५० सकना। ३५ सोनार । I राव बलूका वनवाया हुअा कुत्रा दक्षिण दिशाकी ओर प्राधे कोसकी दूरी पर है। 2 उस | 3 वर्षा जल । 4 वहांसे बैलगाड़ियों पर पानी शहरमें लाया जाता है। 5 शहरके पास जाल (पीलू) और करके वृक्ष बहुत हैं। 6 साचोर बरसाती फसलका परगना है। 7 प्रजा। 8 इनमें २८ गांव ऐसे हैं जिनमें लूनी नदी बहती है, जो सूराचंद और राड़घराके पास सीमा पार करती है। 9 इन गांवोंके किनारोंके खेतोंमें लूनी नदीके पानीकी रेल पानेसे गेहूँ और चने सेजेसे होते हैं। 10 और जव रेल नहीं पाती है तब इन २८ गांवोंमें २०० कोसीटों द्वारा गेहूंकी फसल होती है। I दूसरे। 12 परगनेमें भोमियोंके रूपमें देवड़े और वागड़िया चौहानोंके गांव भी हैं। 13 और पूरेचा चौहान भी गांवोंमें रहते हैं। 14 साचोर शहरमें १५० घर सकना मुसलमानोंके हैं। 15 ये शहरमें एक सौ खेत माफीके .. खा रहे हैं। 16 इनके तीन मंगन (अन्त्यज) वहलीम, झेरडिया और पायक हैं जिनको प्रति गांव रु० २) मिलते हैं। 17 अनुमान । 18 श्रीमाली ब्राह्मण।
SR No.010609
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy