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मुंहता नैणसीरी ख्यात
[ २२७ वात साचोररी सहर तो कदीम छै । घणां दिनांरो वसै छै । पाधर मैदानमें वसै छै । सहर वीच कोट ईंटारो थो सु तो विचले वरसे पड़ गयो नै दरवाजौ १ कोटरो साबतो नै क्युंहेक" भींत रावळा घरां वांसै, क्युंहेक दरवाजारै मुंहडे थोड़ीसी भींत रही थी। पछै संमत १६८१रै टांण' महाराजा श्रीगजसिंघजीनूं साचोर जागीर हुती, तद एक वार काछी कटक माणस ५००० साचोर ऊपर आया हुता, तद मुं० जैमल जैसावतनूं परगनो थो । पछै जैमलरै चाकरै वेढ़ कीवी । कटक काछी भागौ । पछै मुं० जैमल कोट फेर संवरायो । सहररो मंडाण निपट सखरो छै° । वडो बाजार गुजरातरी तरै कहलवांरो छायो छै । . देहुरा २ जैनरा छै । एक मुं० जैमलरो करायो छै । कोट मांहै कुवो १ छै, पिण पाणी नहीं । सहर पांणीरी कमी । कुवा रुखी वाय १ चहुवांण तेजसीरी कराई छ, तिणरो खारो पांणी11 । घणी सहररी मंड उण ऊपर छै । राव बलूनूं साचोर हुई तरै कुवो १ दिखण दिसनै राव बलू खिणायो छै । तिण माहै पांणी मीठो पुरसे २० नीसरियो छै14 । उण ऊपर क्यूं वाग छै15 । तळाव घणा को नहीं । नाडा" दोय तीन छै । मास २ तथा ३ पांणी रहै । पांणीरो गांवरै खेड़े दुख हीज छै' । मुदै खारो कुवो सहरमें तेजसीरी वाय ऊपर छै तिण ऊपर तीण ६ वहै छै । राव बलूरो करायो कोहर दिखण
____ शहर तो पुराना है। 2 बहुत समयसे बस रहा है। 3 समतल मैदान में बसा हुआ है। 4 अभी थोड़े वर्ष हुए। 5 सावित। 6 कुछ। 7 समय । 8 तब एक बार काछियोंकी सेनाके ५००० मनुष्य साचोर पर चढ़ आये थे। 9 महता जयमलके चाकरोंने लड़ाई की। 10 शहरकी रचना वड़ी सुन्दर है। II वावड़ी एक कुएकी ओर चौहान तेजसीकी वनवाई हुई है, जिसका पानी खारा है। 12 शहरकी अधिक भीड़ उसी पर लगती है। 13 राव बलुको जब साचोर मिली तब उसने एक कुआ शहरसे दक्षिणकी ओर खुदवाया। 14 उसमें २० पुरुष नीचे मीठा पानी निकला है। (पुरुष गहराईकी एक माप जो मानमें हाथ उठा कर खड़े हुए मनुष्यके बराबर होती है । पुरसा।) IS उसके ऊपर छोटासा बाग भी लगा हुआ है। 16 छोटी तलैया। 17 गांवके आसपास पानीका कष्ट ही है। 18 तेजसीकी बावड़ीके ऊपर, जो खारे पानीका कुना है और जिस पर छ: चरसे चलते हैं, वही शहरके लिए पानीका आधार है।