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________________ मुंहता नैणसीरी ख्यात [ २०७ आधांन हुतो सु वचियो छै' । पछै राव जेसळमेरथा विदा हुआ, तरै लोलानूं रावळ कनांतूं मांगनै साथै ले आया। पछै अठ प्रांणनै राव जोधारी बेटो सुंदर परणायनै सींधळ नींबावतरी पाली उतारनै पटै दी । तदसूं जोधपुररो चाकर हुवो । तठा पछै जोधपुररा धणियांरै बड़े बड़े कामे सोनगरा आया । ६ सतो लोलारो। ७ खींवो सतारो। ८ रिणधीर खींवारो। ६ अखैराज रिणधीररो । वडो दातार, वडो जूझार, वडो आखाड़सिध' । अखैराज सारीखां रजपूत थोड़ा हुसी । संमत १६०० पोस माहै राव मालदे सूर पातसाहतूं समेळ वेढ़ हुई तठे काम आयो । राव मालदेरो दियो पालीरो पटो। रांणा उदैसिंघनूं अखैराज बेटी परणाई हुती । एक वार उदैसिंघनूं वणवीर जोर दबायो, तरै रांण उदैसिंघ लिख अखैराजनूं मेलियो, कह्यो--"म्हारी मदत करजो।" तरै अखैराज रा० कूपो मेहराजोत, भदो, कान्हो पंचाइणोत, रा. जैसो भैरवदासोत और ही घणो साथ ले मारवाड़रो, अखैराज उठै गयौ । पछै गांव माहोली वेढ़ की। वेढ़ अखैराज जीती। पछै उदैसिंघ कुंभळमेर बैसांणियो । सोनगरा अक्षराज रिणधीरोतरो परवार१० मानसिंघ अखैराजरो। १० भांण अखेराजरो। १० उदैसिंघ अखैराजरो। I यह एक लड़का अपनी ननसालमें गर्भमें था अतः बच गया है । 2 से। 3 फिर यहां ला कर राव जोधाकी बेटी सुंदरको व्याह करके सिंघल नींवावतसे पाली खोस कर उसके नाम पट्टा कर दिया । 4 जिसके बाद सोनगरे जोधपुरके राजाओंके बड़े काम पाये । 5 बहुत बलवान, रणक्षेत्र में अपने स्थानसे पीछे पाँव नहीं देने वाला, युद्ध विशारद । 6 लड़ाई। 7 व्याही थी। 8 फिर उदयसिंहको कुंभलमेरमें पाट विठाया।
SR No.010609
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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