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________________ : २०६ ] मुंहता नैणसीरी ख्यात ४ रांणो वणवीर | वडो रजपूत हुवो । जिणनूं कंवर वीरमदे ग्रोळ पातसाह कनै राखने ग्राप ग्रायो' । पछे वीरमदे वादासिर' ग्रायो नहीं तरै पातसाहरै तोगो दीवांग थो तिणनूं कह्यो - "रांरणानूं बेड़ी पहरावो ।” पछै रांणो तोगानूं दरगाह में कटारीसूं मारने घोड़े का चढ़ कुसळ प्रायो । ५ लोलो रांणारो | जद राव रिणमल धणले रहै तद सोनगरै नाडूल परणियो । पछे सोनगरै चूक कियो । राव रिणमल बैररी वेस कर सोनगरी काढ़ियो । पछै राव रिणमल सोनगरा १४० नाडूल मारने कुवा मांहै नांखिया" । पछै तिण दावै घणा सोनगरा जठै हुता तठै मारिया' । एक लोलो भाटियांरै मूंमांरण हुतो' । गरभसूं उगरियो हुतो । पछै राव रिणमलने भाटियां वैर भागो, राव जेसळमेर परणीजण गया हुता । पछै उठे रावळ नै राव सिकार रमण गया । तठ लोलो साथै वरस १२ डावड़ो थको हुतो' । त नाहरसूं धको हुवो । तठै और साथ सारो पाछो हुवो" । लोल छोटीसी वरछी थी सु नाहरनूं इण छळ वाही, दांत ४ चौकैरा पाड़नै गुदड़ीमें उकसी" । तरै राव रणमल को"श्रो सोनगरो होय तिसड़ो छै ।" तरं रावळ कह्यो - "और तो सोनगरा थे सोह'' मारिया । श्रो एक डावड़ो नांनांण 2 3 जिसको कुंवर वीरमदे, वादशाह के पास अपने बदले में जामिन रख कर ग्राप चला ग्राया । 2 कौल ऊपर 1 3 फिर राणा, तोगा दीवानको वादशाहके दरबारमें कटारीसे मार कर और झटपट अपने घोड़े पर चढ़ सकुशल ग्रा गया । 4 जव राव रिगमल घरणलेमें रहता था तव नाडोलके सोनगरोंके यहाँ विवाह किया था । 5 राव रिगमलको, उसकी पत्नी सोनगरीने स्त्रीका वेप पहना कर निकाल दिया। फिर राव रिगमलने नाडोलके १४० सोनगरोंको मार कर कूएमें डाल दिया । 6 फिर इस वैरके वदले में बहुतसे सोनगरोंको जहां वे थे वहीं मार दिया । 7 एक लोला भाटियों के यहां ननसाल में रह गया था । 8 उस समय गर्भ में था इसलिये वच गया । 9 वहां साथमें वारह वर्षका लड़का लोला भी था । 10 वहां और साथ वाले सब पीछे हट गये । II लोलेके पास एक छोटी वरछी थी जिससे नाहर पर इस प्रकार प्रहार किया कि नाहरके चौकेके चारों दांत उखाड़ती हुई गुद्दी में पार हो गई । 12 यह सोनगरा हो ऐसा प्रतीत होता है । 13 सच 1
SR No.010609
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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