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. मुंहता नैणसीरी ख्यात
[ १५७ गयो हुतो त? माराणो' । पछै देवड़ो राजसी, जीवो-देवराजरा बेटा डूंगरोत अठाथी कपट करनै प्रथीराज कनै गया। प्रथीराज इणांरो वेसास कियो । पछै इणां रातरा प्रथीराजनूं मार सीरोही आया । देवड़ा प्रथीराजनूं डूंगरोते मारियो तठा पछै और बेटा तो सोह" मर गया, केई गळ गया । पछै सारो मुद्दो चांदा ऊपर मंडियो' । चांदो वडो आखाड़सिध रजपूत हुवो। चांदारै प्रवाई पार को नहीं। सीरोहो माहे तिको रजपूत को नहीं जिको चांदा प्रागै च्यार वार भागो न छै। चांदै दांण लियो । सीरोहीरा गांव १२०रो विभोगो लियो। संमत १७११रै टाणे चांदो सीरोहीरै गांव नींवाज वसियो। राव अखैराजरो साथ सारो" संमत १७१३ रै काती वद १४ रै दिन नींबाज ऊपर सीसोदियो परबतसिंघ, देवड़ो रांमो, चीबो करमसी, ख्वास केसर सारी सीरोही ले आया। चांदै वेढ़ कीवी । पोहर २ वेढ़ हुई । चांदै वेढ़ जीती। रावरै साथरा पग छूटा' । रावरै साथरा आदमी ५० काम आया । माणस १०० घायल हुआ । देवड़ो राघोदास जोगावत लाखावत सारी मदाररो धणी" हुतो सु कांम आयो । संमत १७२१ मांहे राव अक्षराजसू कंवर उदैसिंघ डूंगरोते" मिळ सारै रजपुते'' मामलो कियो । पछै देवड़े रांमै भैरवोत, सीसोदियो साहिबखांन पंचे मिळ वळे रावनूं कैद मांहेतूं काढ़ियो । पछै राव बेटा उदैभांणनूं बेटा सूधो मारियो । तठा पछै देवड़ा अमरानूं पटो देनै राव मनायो । पटो देनै धरती मांहे आणियो । गांवां पटारी विगत
I पीछे भतीज रायसिंघ एक गांव लूटने गया था वहां मारा गया। 2 यहांसे । 3 पृथ्वीराजने इनका विश्वास किया। 4 जिसके बाद। 5 सब । 6 कई निर्वंश हो गये । -7 पीछे सव भार चांदे ऊपर रहा। 8 राकुशल। 9 चांदाके युद्ध-पराक्रमोंका कोई अंत नहीं। 10 सिरोहीमें ऐसा राजपूत कोई नहीं जो चांदाके आगे चार वार भागा न हो ।
II चांदेने कर प्राप्त किया। 12 सिरोहीके १२० विभोगे गांवोंका कर लिया। 13 समय । ... 14 सब। 15 रावके सैनिक मोरचा छोड़ कर पीछे हटने लगे। 16 दारमदारका धनी ।
17 डूंगरोतने । 18 सव । 19 राजपूतोंने । 20 गड़बड़ किया। 21 पुनः । 22 सहित । . 23 जिसके बाद देवड़ा अमराको पट्टा देकर राव मनवाया। 24 पट्टा देकर देशमें ले आये ।
25 पट्टाके गांवोंकी सूची।