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मुंहता नैणसोरी ख्यात धोतियो हीज पैहर कनै हुय नोसरियो तरै पंवार सूरजमलनूं दीठो । किणहीनूं पूछियो–“यो कुण ?" तरै कह्यो-"यो सूरजमल हाडो बूंदीरो धणी, जिणसूं दीवांण कुमया करै छ ।” तरै पंवार समधी'-"रांणो सूअर-सूअर करै छै सु इणनूं मारण मतै छै ।” रातै पंवार गई तरै रांण वळं वात सूअररी चलाई। तरै पंवार कह्यो-"यो सूअर म्हे दीठो । उणरौ नांव थे मत ल्यो ।' तरै रांणो कह्यो-"थं कासूं दीठो ?" तरै इण सूरजमलरी वात कही । तरै रांण कह्यो-"तू काढूं . जाणै ?" तरै पंवार कह्यो-"उणनं छेड़सी सु कुसळे न आवै ।" तद रांण वुरो मानियो । पछै सवारै रांणो सूरजमलने ले सिकार गयो । .. मूळ बैठा । दूजो साथ प्रापरो, पारको दूरो कियो । रांणो नै पूरण- . मल पूरवियो छै । सूरजमल नै सूरजमलरो एक खवास छ । तिण समै .. रांणे पूरणमलनूं कह्यो-"तू सूरजमलनै लोह कर ।" सु इणसूं लोह कियो न गयो । तरै रांणै घोड़े चढ़ सूरजमलनूं झटको वायो। सु .. माथारी खोपरी ले गयो। सूरजमल ऊभो छ । तितरै पूरणमल तीछेर' वाह्यो सु सूरजमलरी साथळ' लागो । सूरजमल दोड़ नै पूरणमलनूं पाड़ियो' । उण कूकवा किया । तरै रांणो उणरा ऊपर वळ .. आयो । सूरजमलनूं लोह वाह्यो । सूरजमल वागरी जेह' झालन', कटारी गळा नीचाखू वाही सु रांणारी सूंटी" श्रावतां रही । रांणो : घोड़ासू हेठो पड़ियो' । पड़तेहीज पांणी मांगियो । तरै सूरजमल कह्यो-"काळरा-खाधा'" हमें पांणो पी सकै नहीं ।” पछै सूरजमल रांणो वेहूँ मुंवा । पंवार सती हुई । रांणारो दाग पाटण हुवो। रतनसीरै वेटो कोई न हुतो । तरै रजपूते सारै मिळनै करमेती हाडी नै. .. विक्रमादित उदैसिंघनूं रिणथंभोरसूं तेड़ लिया। अ आया ।
__I समझ गई। 2 इस सूअरको हमने देखा । 3 तुमने कैसे देखा? 4 आश्रयस्थानमें दबकर बैठ गये। 5 अपने और पराये मनुष्योंको दूर भेज दिया। 6 उस समय रागाने पूर्णमलको कहा कि-तू सूरजमल पर तलवारसे प्रहार कर। 7 तलवारसे प्रहार किया। 8 खड़ा है। 9 इतनेमें । 10 एक प्रकारका छोटा भाला । II जांध। 12 गिरा .. ... दिया। 13 चिल्लाया। 14 घोड़ेकी वाग। 15 सिरा । 16 पकड़कर । 17 नाभिमें पार हो गई। 18 नीचे गिर गया। 19 काल-कवलित ! 20 न था। 21 वुला लिये । .