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राजस्थान पुरातत्त्रान्वेषण मन्दिर
HD
कमांक, ग्रन्थाङ्क
प्रन्थनाम
| भाषा
लिपि- पत्रसमय | संख्या |
विशेष
सं.
(८५)
२१६२
२८६३ चोवीसगति प्रागति
रागू० १७वीं शE-६० विवरण १०१३ जीवविचार सावचूरि | शांतिसूरि प्रा.सं. १७५८ ५ राशीग्राम में लिखित ।
त्रिपाठ ___७० ज्ञानसार (अष्टकानि)
५६४६ ३२०७ ज्ञानसार
यशोविजय.पा " १७६४
ध्याय १०४६ | ज्ञानसार सटीक त्रिपाठ | मू यशोविजय " १८६६ | ६३ ज्ञानमंजरी टीका । टी. देवचन्द्रजी
१ से ६१ राधणपुर
में लिखित । २८६३ तिथ्याराधनविचार
प्रा० १७वीं श. १४८ वा पत्र का अर्ध भाग
| नष्ट होने से
अस्पष्ट। तीर्थकरभवसंख्या
" " ११ वां त्रैलोक्यभवदीपिका (सदारंगशिष्य) रा० गू०१८वीं श. ४ चोपाई
दर्शनशुद्धिप्रकरण सटीक मू चंद्रप्रभसूरि प्रासं. २०वीं श| ८४ १८३६ दशपंचक्खाणवर्णन | रामचन्द रा० गू० १६वीं श. ४४-४७ गुटका । (१०) ३५४ दिक्कुमारीवर्णन
" १७वीं श. ४ २६६६ / द्विजवदनचपेटा | अश्वघोप | सं० । १८८७ |
प्रस्तुतकृतिका द्वितीय भिक्षु
नाम बापूची
प्रकरण है। ५:४ धर्मबिन्दुवृत्ति | मुनिचंडसूरि " | १७६२ |
धर्मरत्न करणवृत्ति देवेन्द्रसूरि । स प्रा १६वीं श ६६ कथात्मक ग्रंथ। नत्रतन्वप्रकरण सस्तबक
मू प्रास्त १६वीं श १४
| रा. गू | नवतत्वबालावबोध
रागू. १७वीं श. नत्रतत्ववालावबोध मेरुतु गशिव्य " १६.२
अलवरनगर में विचार
लिखित। नवरत्ववालावबोध
प्रा. वा० १६२१ चित्रकोटनगर में सहित
रागू०
लिखित । २१२० नवतत्ववालावबोध
| स्तभतीर्थ में लिखित।
"
| १७२०