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राजस्थान पुरातत्वानवेपण मन्दिर
| लिपि- पत्रक्रमांक ग्रन्थाङ्क । कर्ता भापा | लिपि
विशेष
समय | संख्या ५३५ ६४६ | विवाहान्दारन केशवार्क | सं० १७४३ / १६ श्रावलियालाग्राम में
लिखित । | २८६ | विवाहपृन्दावन सटीक केशव (2) | १८३२ १० पत्र १ से ६अप्राप्त ५३७ ।। २८३ विविधमुहूर्तनक्षत्र
रागू०१७वीं श. १६४((१०५) विचार
१६५ | ३०५६ वृत्तशन
महेश्वर सं० १४वीं श १८ वृद्वयत्रन जातक | मीनराज
१६वीं श २६६ अन्त्य २६७ व २६८
पत्र अप्राप्त । | ११५१ । | वृद्धयावन
| १७५१ १७६५ | वृष्टिज्ञान
१६वीं श १ २५७८ शकुनविवारचक्रयुक्त
५ २ दिशा के शकुन ३५.६ शकुन सनक पद्य | तुलसीदास व हि० | " | पत्र २०,२१ वा
अपाय। | २६३ | शकुनावली
हि० १७वीं श
५३६
३१११
रागू. २०वी श १५४
५४५ ३५७५ | शकुनावली
(३४) (पासाकेत्र | २८६३ शादिनप्रहर मुइन
(२८) घड़ी संख्या चौपाई ५४७ ३७७५ | शतसवच्छरी
"
१७वीं श ६४ वां
१८२७
| शतसंवच्छरी पूर्ण - | करके लेखक ने दश
अवतार के कवित्त
लिखे हैं। २२
रा०
| १८६८
१७५० शतसंवच्छरी तथा
भडलीवाक्य सतसंवच्छरी तथा
राशिफल ३५६४ शनिचार
(६) १७७% शनिपुत्तलकविचारादि ११२५ शिवालिखित
रा० गू-१७वीं श १२ शतसवत्सरी स.१७०१
से १७६९ | रा० १८६१ ३३-३४ | बगड़ी ग्राम में
लिखित । "रवीं श २ भूजनगर मे लिखित । संगू० १८२७ १-४ गुटका ।
५५२
५५३
२५४६ शिवालिखित
२५२४ | शीघ्रबोध ५५५ । २५२६ शीघ्रबोध
१
| सं० काशीनाथः । " काशीनाय । "
१६वीं श
१७४० १६वीं श
३०