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- - - - ज्योतिष-गणितादि
[११५
।
पत्र
क्रमांक ग्रन्थाङ्क
ग्रन्थनाम
कर्ता । भाषा
लिपिसमय | संख्या
विशेष ..
५१०
१८५० १६६६ १८२७
१७६ ८३
सवाईजयनगर में .. लिखित ।
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३३३५ वसन्तराजशाकुनभाषा ५११ ३४५१ वसन्तराजशाकुन वसन्तराज
वसन्तराजशाकुनसटीक वसन्तराज त्रिपाठ
टी०भानुचन्द्र वाराहीसंहिता वराहमिहिर ३७६६ विवादोष (पटल) २५१७ | विवाहदोष गद्य ६०० विवाहपटल
विवाहपटल
विवाहपटल २५७३
विवाहपटल ३२५० विवाहपटल
विवाहपटल ३७१६ विवाहपटल
२७५४ विवाहपटल ५२४ | ३८१% विवाहपटल
६०७ FEES
वीं श. रा० १८वीं श
१८वीं श १७५६ रायधनपुर में लिखित। १६७७ | राणीवाड़ा मे लिखित १८६
१००६ " १६वीं श १८६६ २५ सोमत में लिखित।
१२ | १८०० १६ शुद्धदंती में लिखित
संस.पू. १८२४
,
१६८५/
२६३७.
२५८० विवाहपटल(षट्पंचाशिका) ६८२ | विवाहपटल चौपाई अभयकुशल | रागू०/१६वीं श. ६ विवाहपटल (बाला
मू.सं.बा. १८वीं श ११ यत्रोध सहित)
राजगूर | विवाहपटल वाला- वाअमरसाधु मू स.त्रा १८१६ | कंटालियाग्राम में वबोध सहित सोमसुन्दर शिष्य राज गू.
लिखित । विवाहपटल भाषा पद्य | मतिकुशल मू.मं.वा. १८३०
राज गू विवाहपटल सस्तबक
मूस.स्त.
रापुर (कच्छवागड) राज.गू.
में लिखित । | विवाहपटल सस्तवक
मू-सं० १६वीं श
स्तरा० | विवाहपटल सस्तवक
मू-सं० , , १८
स्तरा) ३७५५ विवाहपटलसार्थ
मू०सं० १८४६, १४
अकरा० ३७७७ विवाहप्रकरण
सं० १६वीं श ६ काशीनाथ कृत शीघ्र
। बोधान्तर्गत
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