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राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्थ-संग्रह-सूची ....... ग्रन्थनाम,
कर्ता क्रमाङ्क
. . .. विशेष विवरण आदि
लिपिसमय | पत्रसंख्या |.
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१७१५३७६-३८०
३८०-३८६ ३८६-३८७
इसमें १८ छन्द हैं, वे बड़े प्रभाव के हैं ।
३८७-३८८ ३८८-३८९ ३८९-३६० ३९०वाँ
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ये कनफटे जोगी थे। .
(३४) | (१३९) कन्थडबोध (कन्थडगोरखसंवाद) गोरखनाथ
(१४०) गोरखशब्दी (१७७ चौपाई) (१४१) भरथरीजीका संख (राजा
.! राणीसंवाद) (१४२) भरथरीजीकी शब्दी (१४३) हणवन्तजीका पद और भजन | हणवन्त (१४४) हणवन्तजीको शब्दी (१४५) गोपीचन्द्रजीका पद
गोपीचन्द्र राजा (१४६) गोपीचन्द्रकी शब्दी (१४७) सती कणेरीका पद
कणेरी (१४८) कणेरीपावकी शब्दी (१४६) हालीपावका पद
हालीपाव (१५०) हालीपावको शब्दी (१५१) जलन्धरीपावकी शब्दी जलन्धरीपाव (१५२) नागार्जनकी शब्दी
नागार्जन (१५३) चर्पटजीको शब्दी
चर्पटपाव (१५४) चौरङ्गीपावकी शब्दी । चौरङ्गी पाव (१५५) शिवजीकी शब्दी | (कोई नाथ) (१५६) पार्वतीकी शब्दी (१५७) बालनाथजीकी शब्दी बालनाथ
.(१० साखी) (१५८) सिद्ध गरीबनाथको शब्दी | गरीबनाथ
३६१वा
३६१-३६३ ३६३वा ३६३-३९४ ३९४वा
बहुत जोरदार वचन हैं।
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