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RATHeafप्रति----विद्याभूषण-पथ-संग्रह-सूची ]
कर्ता
लिपिसमय । पत्रसंख्या -
विशेष विवरण आदि
१७१५३६५वां
चुणकनाथ मीडकीपावनाथ घोडाचोलीपावनाय
प्राजयपाल
३६६वा
(३४) (१५६) गुणकनायको शची
(१६०) मीडकोपायको शब्दो (१६१) घोबाचोलीको शब्दो (१६२) गाजयपालको शब्दी (१६३) सि हरतालीको शन्दी (१६४) धुन्चलीमलकी शब्दी (१६५) दत्तजीको शब्दी (१६६) चननाथका पद (१६७) प्रयोनायजीकी शब्दी (१६८) पीनाथका जोगग्रन्थ
(१०४ पद्य)
सिद्ध हरताली धुन्धलीमल दत्त चत्रनाय (प्रामेरका ?) पृथीनाथ पृथीनाग सूत्रधार
३६७वां ३६७-३९८
अन्तमें 'इति श्री पृथीनाथ सूत्रधारे मत महापुराणे सिद्धनाम श्रीसाधपरिण्याजोगशास्त्र समाप्त।'
४०१-४०३
(१६६) सिपसंमोघ-मात्मांप्रचयजोग- . ,
अन्य (१७०) प्राणपचीसी (६६ छन्द) (१७१) ज्ञानपचीसी (७७ छन्द) (१७२) जुगति-सरूप-सिद्धसंकेत-जोग- 1 ॥ - ग्रन्थ (५१ छन्द) (१७३) भ्रमविधंसजोगग्रन्थ
(७० छन्द) (१७४) ततसग्रामजोगग्रन्म ...... (५६ छन्द) ..
४०३-४०५ सुखदेव-पृथोनाथसंवाद भी इसीमें है। ४०५-४०८ ४०८-४०६ विपर्यय वाणी है।
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४०६-४१२
..,
४१२-४१३ | योगीवीरता (वारता) गुह्यज्ञानदर्शन-वर्णन
| इसमें है।