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________________ [ ४४ जमा प्राधिAFTEST---विद्याभूषण-प्रन्य-संग्रह-सूची] ऋमा . मन्यनाम फर्ता लिपिसमय पत्रसंख्या विशेष विवरण प्रादि शेख यहायदो शेख फरीदुद्दीन गोरखनाथ (३४) . (१२०) शेष वहापदोका पद (१२१) शेष फरीदाको साखो (१२२) गोरखनाथजीका पद : (१२३) गोरसनायजीको तिथि : (१२४) नरमयबोध : (१२५) काफ़रवोध । (१२६) अकलि सिलोक भाषा (१२७) प्राणसांगली (१२६) शिष्यावर्शन अन्य । (१२६) ज्ञानतातीसी (१३०) गोरणामयीन्द्रबोध (१३१) आत्मवोध . (१३२) अभयमाना (१३३) गोरखनाथजीफा छन्द १७१५३४७वा ३४७-३४८ ३४-३५६ ३५६वा ३५६-३५७ ३५७-३५८ ३५८-३५६ ३५६वा । अन्तमें 'नमो देवाय गुरुगोरख-पादुका नमस्ते ।' ३५६-३६० । ३६९-३६२ ३६२-३६५ ३६८वा ३६६वां ... इसमें ६ छन्द हैं। प्रत्येक के अन्त में 'मच्छीन्द्र पूता जोग जुगन्ता जाग गोरख जग सूता' यह टेक प्राई है। . - . (१३४) गोरखनाथ सप्तवार (१३५) गोरख-गणेशसंवाद (१३६) महादेव-गोरखसंवाद ...(१३७) महादेव-उमासंवाद . (१३८) प्राणसांकली. ३७०वा ३७०-३७२ ३७२-३७४ ३७४-३७६. चारजन्नाथ
SR No.010606
Book TitleVidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1961
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size9 MB
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