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वांकीदासरी ख्यात
[८४१-८५० ८४१ वीकानेर गढ कोट राजा रायसिघ करायो अधकोस सहर छै जूनो वीकानेर
वीकानेर सूरजपोळ बंधा ऊपर हाथी वे है जैमल पत्तो है बड अक मोटो वारणो छै बावन वुरज छै उगवणनू पोळसू पडकोटासू तीन पोळ है. पोळ मेक पश्चिम दिसा छै बारी बेक उत्तरनू छै छत्तीस गज कोट ऊचो घरतीथी हाथ पैताळीम कोट नै गज १४ आडो छै गज नव कोट दोळी खाई ऊडी भीत आगणो मगळा छत्र गज छै कुवा तीन पुरस साठ पाणी मीठो पहला वारै हता त्या दोळो कोट कराय माय लिया. तळाव घड़सीसर सहरथी कोस दोय पाणी सात मास रहै आठ कुवा सहरकी गिरद साठ पुरस. पाणी मीठो वीस नाडिया पाणी मास दोय तथा तीन रहै सूरसागर
पाणी मास छव रहै। ८४२. लाहोर मम्मन वुरज राजा रायसिंघजी भुरटियारी करायोडी आछी है । ८४३ वीजा हरराजोतनू रायसिंघ बीकानेरियै सिरोही मायसू काढियो जद आठ
हजार पीरोजिया दीवी राव सुरताण पेसकसीरी राजा रायसिंघनू । ८४४ रायसिंघ कल्याणमलोतरा वेटारी विगत- दळपत १, सूरसिंघ २, भोपत ३,
किसनसिंघ ४। ८४५. रायसिंघ किलाणमलोतरै वेटारी विगत -- दळपत १, सूरसिंघ २, भोपत ३, किसनसिंघ ४।
दळपतसिंघ रायसिंघोत ८४६ सवत १६५९ रा सावण वद १ कुवर दळपत रायसिंघोत रायसिंघरा रजपूतां
कनासू नागोर लियो। ८४७. दळपत रायसिंघोत पकडाणो जद वीदासररो धणी दळपतरी चाड जंग
कर मुवो। ८४८. काजी गडगडी चढा'र अजमेररा डेरां दळपत रायसिंघोतनू मारियो
जहांगीररी आग्यासू । ८४९ राठ वैराडी साथ ले दळपतरी मदत आया हुता ज्यानू वीकानेररा उमरावा चमक दे काढ दिया ।।
सूरसिंघ रायसिंघोत ८५०. सूरसिघ भुरटियारी चाकरीमें गाडण चोलो, मीसण चाचो, अक सीवड
जुमले में तीन जण चाकरीमें रह्या ।