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________________ २४८-२६२ ] राठौsit वातां २५ २४८ राठोड गोइददास भगवानदासोत राठोड राघोदास नरहरदासोत राठोड़ भोजराज नराणदासोत, राठोड जगनाथ कल्याणदासोत, राठोड भगवानदास वाघोत, हुल मेघराज भाडावत, राठोड के सवदास दिखणी । २४९ मोटाराजारी बेटी कमळावतीबाई मऊरा खीची राव गोपाळदासनू परणायी । २५०. प्राणमतीबाई डूगरपुररो रावळ सहसमल जिणरो बेटो करमसी जिणनू परणायी । २५१ दळपतजीरी बहन किसनावतीबाई कछवाहा रुपसी वैरागररो बेटो तिलोकसी जिणनू परणायी । २५२ चावडारी भाणेजी रुखमावतीबाई कछवाहा राजा महासिंघनू परणायी । २५३ भाटी सूरजमल लूणकरणोतरी बेटी राणी सजनाबाई जिणरी बेटी राजकवर भाण सगतावतनू परणायी । २५४. सतोखदेजीरी दूजी बेटी सतभामाबाई हळवद झाला चदरसेणनू परणायी । २५५ कछवाहा राजा रामसिंघनू परणायी सोळकणीजीरी बेटी तीन । २५६ रभावतीबाई भाटी खेतसी मालदेओननू परणायी । धनत्राई नू । २५७ रूपकवर वाई ग्वाळेर परणायी बेटो नरहरदास | २५८ कछवाही राजावत ग्वाळेररा राजा आसकरणरी बेटी मनरगदेजी ज्याँरा बेटा सूरजसिंघजी, किसन सिंघजी, बेटी बाई माना पातसाह साहजहारी मा । २५९ सवत १६४४ मानीबाई साहजादा जहाँगीरनू परणायी । राजा सूरसिंघजी २६० सवत १६२७ रा वैसाख वद ७ रो जनम सूरजसिघजीरो, सवत १६५७ रा असाढ वद ११ लाहोर पाट बैठा, सवत १६७६ रा भादवा सुद ८ राम को दिखणमे महकररै था । 1 २६१ सवत १६२७ रा वैसाख वद ६ फळोधी सूरजसिघजीरो जनम सवत १६२६ सावण वद ७ राजा सूरजसिंघजीरो जनम सवत १६५९ असाढ सुद ९५ सूरजसिंघजीनू लाहोर डेरा टीको दियो । २६२ सवत १६६८ पातसाहरी फौज दिखण माथै जावै, सारा राजा, नबाब भेळा जद महाराज सूरजसिंघजीरो उमराव भाटी जोगणीदास गोइददासोत जिणनू कछ, वाहा राजा मानसिघजीरा उमरावरै हाथी सूडसू पकड घोडासू उतार मोरो कर दांतामे पोयोडी कटारी वाही हाथीरै कुभाथळ लागी, जोगणीदास मुवो ।
SR No.010598
Book TitleBankidasri Khyat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarottamdas Swami
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages233
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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